सरकार की मदद से पूरा हुआ पक्का मकान का सपना, बस्तर के लोगों को मिल रहा अपना आशियाना
January 16, 2023समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जगदलपुर
घर सिर्फ ईंट-पत्थर का एक ढांचा नहीं है बल्कि यह एक एहसास है। इस बात का पता लगता है जगदलपुर विकासखंड के एक गांव धनियालूर पहुंचने पर। यहां एक ही गांव में कई लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है। इन लोगों के चेहरे की चमक बताती है कि पक्का मकान बनाने जैसा बड़ा काम कैसे सरकार की मदद से आसानी से पूरा हो गया। धनियालूर के रहने वाले राजेश एक किसान हैं। वे अपनी पत्नी और 3 बच्चों के साथ रहते हैं। राजेश का कहना है कि, सरकार की इस योजना से मेरे पक्के घर का सपना पूरा हो गया है। घर की दीवार पर मेरा नाम लिखा है और मुझे यह देखकर अच्छा लगता है। पहले मकान कच्चा था, जिसकी मरम्मत हर साल करनी पड़ती थी, कभी लकड़ी बदलनी पड़ती थी तो कभी छप्पर और भी कई तरह के काम। अब अच्छा लग रहा है कि पक्का मकान बनने से छत नहीं टपकेगी।
धनियालूर गांव की ही देवली को भी पक्का मकान मिला है, देवली की सास का कहना है कि पहले बरसात में रात-बे-रात पानी गिरने से पहले सामान हटाओ फिर घर की दीवार भी गीली हो जाती थी। लेकिन अब इस मकान को देखकर खुशी होती है, कि मेरी बहु के नाम पर ये घर बना है। मुझे खुशी है की सरकार अच्छा काम कर रही है।
राजेश और देवली की ही तरह इसी गांव की रहने वाली बोदा की भी खुशी का ठिकाना नहीं है। उनके घर के छबाई का काम बाकी है। उन्होंने बताया कि घर बनाने के लिए पूरी राशि खाते में आ गई है। जल्द ही उनका घर पूरा हो जाएगा। जिसमें वे अपने बड़े बेटे-बहु के साथ रहेंगी।
ये कहानी सिर्फ राजेश, देवली और बोदा की नहीं है बल्कि बस्तर जिले में रहने वाले उन 12 हजार से भी ज्यादा लोगों की कहानी है जिनके पक्के मकान का सपना पूरा हो चुका है। बता दें कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत वर्ष 2019-20 तक के आवासों के लिए प्रथम, द्वितीय तृतीय एवं चतुर्थ किश्त की राशि के तौर पर 3788 हितग्राहियों को 10 करोड़ 29 लाख रुपए जारी की गई है। राशि मिलने के बाद कोरोना काल के समय से लंबित पड़े आवासों के निर्माण में तेजी आई है और हितग्राही अपने आशियानों को बनाने का काम पूरी तेजी से कर रहे हैं, जहां वे अपने परिवारों के साथ सूकुन से रह सकें। बस्तर जिले में 2016-17 से लेकर 2019-20 तक 14 हजार 647 आवास स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें 12 हजार 430 आवासों का निर्माण पूरा हो चुका है।