छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री अरूप कुमार गोस्वामी ने किया जगदलपुर में आयोजित लोक अदालत का अवलोकन

Advertisements
Advertisements

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जगदलपुर

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के संरक्षक श्री अरूप कुमार गोस्वामी ने जगदलपुर में शनिवार 11 फरवरी को आयोजित नेशनल लोक अदालत का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने जिला न्यायालय परिसर का अवलोकन करने के साथ ही न्यायाधीश और जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी व सदस्यों से भेंट की। संघ के सदस्यों के साथ चर्चा करते हुए उनकी समस्याओं के संबंध में भी जानकारी ली। इस दौरान उनके साथ छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल श्री अरविंद वर्मा भी उपस्थित थे।

आज बस्तर जिले में जिला स्तर से लेकर तहसील स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन कर राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सुलह समझौता से निराकृत किये गए। लोक अदालत में प्रकरणों के पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यमों से उनकी उपस्थिति में निराकृत किये जाने के अतिरिक्त स्पेशल सिटिंग के माध्यम से भी पेटी ऑफेंस के प्रकरणों को निराकृत किये गए। “नेशनल लोक अदालत में पक्षकारों के मध्य सुलह द्वारा विवादों के समाधान के लिए जिले में कुल 23 पीठों का गठन किया गया था। इनमें जिला एवं सत्र न्यायाधीश सहित सभी न्यायाधीशगण की कुल 07 खण्डपीठ एवं परिवार न्यायालय की 01 खण्डपीठ स्थायी लोक अदालत की 01 खण्डपीठ सहित कुल 09 खण्डपीठों तथा बस्तर जिले के समस्त राजस्व न्यायालयों के कुल 14 खण्डपीठ शामिल हैं।  इन खण्डपीठों में प्रकरणों के निराकरण हेतु सुलहकर्ता सदस्यों के रूप में पेनल अधिवक्ताओं की नियुक्ति की गई थी।

इस अवसर पर चिकित्सा विभाग के सहयोग से जिला न्यायालय परिसर में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर भी लगाया गया था, जिसमें  पक्षकारों एवं आमजनों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव गीता बृज ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में कुल रखे गये कुल 1151 रखे गए थे। इनमें से 38 आपराधिक प्रकरण, 12 दावा प्रकरण, 14 पारिवारिक प्रकरण 42 धारा 138 नि.ई. एक्ट के प्रकरण, 24 श्रम संबंधी प्रकरण, 54 स्पेशल सिटिंग के अन्तर्गत प्रकरण, 05 ट्रैफिक चालान के प्रकरण, 02 जनोपयोगी सेवा से संबंधित प्रकरण जैसे कुल 191 लंबित प्रकरणों में 1 करोड़ 22 लाख 25 हजार 284 रुपए  में राजीनामा के आधार पर उनका निराकरण आपसी सुलह समझौता के आधार पर किया गया । राजस्व न्यायालयों में गठित 12 खण्डपीठों में कुल 1925 राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया । इसी प्रकार सभी प्रमुख बैंकों, बी०एस०एन०एल० विभाग विद्युत विभाग, नगरनिगम ( जल प्रदाय शाखा एवं संपत्ति कर शाखा) द्वारा रखे गये कुल 8600 प्रकरणों में से बैंकों के 07. विद्युत विभाग के 52 प्रकरण, सम्पत्ति कर के 60 प्रकरण एवं बी०एस०एन०एल० के 16 प्रकरण एवं जलकर के 09 प्रकरण जैसे कुल 144 प्रकरणों में 20 लाख 76 हजार 499 रुपए में राजीनामा के आधार पर प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का अंतिम निराकरण किया गया ।

टूट रहे रिश्तों को जोड़ा फिर से

 नेशनल लोक अदालत में रखे गये एक प्रकरण में आवेदकगण का विवाह  04 अप्रैल 2017 को हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार जगदलपुर में हुआ था। विवाह पश्चात् आवेदकगण के मध्य मानसिक तालमेल नहीं बैठ पाने और छोटी-छोटी बातों पर आपसी मनमुटाव, लडाई-झगड़ा होने के कारण आवेदकगण द्वारा 14 दिसंबर 2021 को अंतर्गत धारा 13 ( ख ) हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 के अंतर्गत आपसी सहमति के आधार पर विवाह विच्छेद बाबत आवेदन प्रस्तुत किया था।

प्रकरण के लंबनकाल के दौरान उभयपक्ष के मध्य सुलह एवं मिडियेशन कार्यवाही कर सुलह का प्रयास करने पर उभयपक्ष ने विचार विमर्श हेतु समय देने का निवेदन किया और उक्त अवधि में उभयपक्ष द्वारा अंत में विचारोपरांत आपसी सहमति से विवाह विच्छेद हेतु प्रस्तुत आवेदन को वापस लेने का निवेदन किये जाने पर आज नेशनल लोक अदालत में पक्षकारों को उपस्थित होने पर पीठासीन अधिकारी तथा सदस्यगण द्वारा समझाईश दिये जाने पर दोनों पक्ष की सहमति से विवाद समाप्त कराया गया।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!