बड़ी उपलब्धि : बलौदाबाज़ार-भाटापारा जिले को टीबी उन्मूलन में मिला कांस्य पदक, कलेक्टर ने दी बधाई

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, बलौदाबाजार

पूर्व में कायाकल्प एवं राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण पत्र में पुरस्कृत होने के पश्चात अब बलौदाबाजार ने टीबी रोग के उन्मूलन में भी पुरस्कार प्राप्त किया है। गत 24 मार्च को पूरे देश में विश्व क्षय दिवस मनाया गया उसी अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में वाराणसी में आयोजित विश्व टीबी समिट में क्षय रोग उन्मूलन की ओर बढ़ रहे छत्तीसगढ़ के चार जिलों को सम्मानित किया गया जिसमें बलौदाबाज़ार- भाटापारा जिले को कांस्य पदक प्राप्त हुआ। यह जानकारी जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी महिस्वर ने दी। इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी देते हुए जिला क्षय रोग नोडल अधिकारी डॉ राजेश कुमार अवस्थी ने बताया कि, पूरे देश से वर्ष 2025 एवं छत्तीसगढ़ से वर्ष 2023 तक टीबी रोग का उन्मूलन किया जाना है। इसी लक्ष्य की पूर्ति हेतु बलौदाबाजार भाटापारा जिला कांस्य पदक हेतु नामांकित हुआ था जिसे सब नेशनल सर्टिफिकेशन कहा जाता है। जिले में यह परीक्षण बाह्य एवं स्वतंत्र मूल्यांकन संस्था आई ए पी एस एम (इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रीवेंटिव सोशल मेडिसिन) ने किया जिसकी टीम लीडर डॉ सुमित धुर्वे थीं। जिसके लिए जिले में 10 हज़ार घरों का सर्वे नियमानुसार 20 दिन में पूरा किया गया। सर्वे में बलगम का संग्रहण,उसकी जांच के साथ-साथ वर्ष 2015 से लेकर 2022 तक के सभी रिकार्ड का भी परीक्षण किया गया। इसमें निक्ष्य पोर्टल,टीबी रजिस्टर, ट्रीटमेंट कार्ड,लैब रजिस्टर और दवाइयों के भंडारण का मिलान सम्मिलित है। परीक्षण टीम ने आंतरिक एवं बाह्य दोनों ही स्तरों पर यह जांचा की क्या जिले में टीबी उन्मूलन में सफलता मिल रही है । आंतरिक रूप से दस्तावेज़ों का सत्यापन किया गया तथा बाह्य मूल्यांकन के तहत टीबी की दवा बेच रहे केमिस्ट के स्टोर में भी भ्रमण कर उनके विक्रय की समीक्षा की गई एवं इसके अतिरिक्त नॉमिनल ग्रुप तकनीक (एनजीटी) के माध्यम से प्राइवेट डॉक्टर,केमिस्ट,औषधि निरीक्षकों की बैठक कर जिले में टीबी रोग की स्थिति का परीक्षण किया गया। उक्त बहु स्तरीय मूल्यांकन की प्रक्रिया के पश्चात स्कोरिंग की वैज्ञानिक विधि द्वारा जिले में पिछले सात वर्षों में 20 प्रतिशत टीबी के प्रकरण कम होना पाए गए जिस उपलब्धि पर बलौदाबाजार को कांस्य पदक प्राप्त हुआ है।

कलेक्टर ने दी बधाई

कलेक्टर रजत बंसल इस उपलब्धि के लिए पूरे स्वास्थ्य विभाग की टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा आप सभी इसी लगन एवं मेहनत से कार्य करतें रहे। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराएं।

क्या और कैसे होता है टीबी

टीबी एक संक्रामक रोग है जो हवा के माध्यम से संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। किसी व्यक्ति को दो हफ्ते से अधिक की खांसी, छाती में दर्द, वजन में कमी,भूख ना लगना, बलगम के साथ कभी कभी, खून आना, शाम को पसीने के साथ हल्का बुखार के लक्षण हो तो उसे टीबी हो सकता है। ऐसी दशा में नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपनी जांच करवानी चाहिए। यह लाइलाज रोग नहीं है छ: माह डॉट्स का कोर्स लेकर मरीज पूरी तरह से ठीक हो सकता है लापरवाही करने पर जान भी जा सकती। जिले में टीबी की जांच की आधुनिक मशीनें उपलब्ध है तथा उसका जांच और उपचार पूरी तरह से नि:शुल्क है इसके अतिरिक्त शासन के निक्ष्य पोषण योजना द्वारा मरीज को प्रतिमाह 500 रुपये की सहायता राशि भी नकद उसके खाते में प्रदान की जाती है। जिले में वर्ष 2022 में 1340 मरीज चिन्हित किये गए। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत कोई भी सक्षम व्यक्ति या संस्था चाहे तो टीबी के उपचाररत मरीजों को निक्ष्य मित्र बनकर गोद ले उन्हें अलग से पोषण सहायता भी प्रदान कर सकते हैं। जिला नोडल अधिकारी डॉक्टर राजेश कुमार अवस्थी ने इस उपलब्धि के लिए जिला कलेक्टर श्री रजत बंसल के दिशा-निर्देश एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एम पी महिस्वर के मार्गदर्शन सहित समस्त चिकित्सा स्टाफ और मितानिन कार्यक्रम को  सहयोग हेतु धन्यवाद दिया है एवं आशा जताई है कि भविष्य में रजत एवं स्वर्ण पदक प्राप्त करने का प्रयास किया जाएगा।

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