जल जीवन मिशन में मोदी सरकार द्वारा दिए गए पैसे 50 फ़ीसदी भी खर्च नहीं कर पाई भूपेश सरकार – बृजमोहन

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पहले वर्ष 18.85 प्रतिशत, दूसरे वर्ष 50.23 प्रतिशत और तीसरे वर्ष 26 प्रतिशत राशि ही राज्य सरकार खर्च कर पाई है। इस वर्ष मोदी सरकार ने स्वीकृत किए है 2223.98 करोड़

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

वरिष्ठ भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर जल जीवन मिशन में ढिलाई बरतने एवं बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए हैं।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में लगभग 45.5 लाख ग्रामीण परिवार हैं, जिनमें से केवल 5.7 लाख (12.5 प्रतिशत) को ही नल से पानी की आपूर्ति होती है। केन्द्र सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत अगस्त, 2024 तक गाँव के हर घर तक नल से जल पहुँचाने का लक्ष्य रखा है। यह योजना आने वाले 100 वर्षों तक गुणवत्तापरक मानदण्डों के साथ केन्द्र सरकार ने शुरू की है।

उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ इस योजनान्तर्गत केन्द्र से मिली राशि का 50 प्रतिशत भी खर्च नहीं कर पा रहा हैं। पहले वर्ष 18.85 प्रतिशत, दूसरे वर्ष 50.23 प्रतिशत और तीसरे वर्ष 26 प्रतिशत राशि ही राज्य सरकार खर्च कर पाई है। चौथे वर्ष 2,223.98 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है। इसके चलते केन्द्र सरकार ने पहली किस्त के रूप में केवल 491 करोड़ रुपये ही जारी किये। प्रदेश के 168 गांवों और बसाहटों के भूजल में बीमारी का कारण बनने वाले आर्सेनिक और फ्लोराइड जैसे तत्व घुले हुए हैं, परंतु जल जीवन मिशन योजना के तहत अभी तक केवल 22.50 फीसदी ही काम हो पाया है। लेट-लतीफी की जब केंद्रीय अफसरों ने पड़ताल की, तो उन्हें ज्ञात हुआ कि पिछले वित्तीय वर्ष की बड़ी रकम अनावश्यक रूप से एक निजी बैंक में पड़ी रही। योजना के क्रियान्वयन में जुटा अमला और ठेकेदार कई महीनों तक भुगतान को लेकर विभाग का चक्कर काटते रहते हैं तथा मोटी रिश्वत के बाद ही उन्हें भुगतान हो रहा है। बस्तर जिले में कागजों में ही सिर्फ एक चौथाई काम हो पाया है। जिले में कुल 1 लाख 63 हजार लोगों के घरों तक नल के कनेक्शन दिए जाने है, लेकिन योजना को शुरू हुए पूरे 3 साल बीत जाने के बाद भी सिर्फ 41 हजार घरों तक ही नल कनेक्शन पहुँचा है। पूरे प्रदेश में जल जीवन मिशन के नाम पर निर्धारित मानक के बजाए घटिया पाईप लाईन बिछायी जा रही है। महासमुंद जिले में तो अधिकारियों ने करीबी ठेकेदारों से सांठ-गांठ कर अपने रिश्तेदारों तक को टेंडर दे दिया है। करीबियों को टेंडर देने ऑनलाईन टेंडर के समय व तिथि में बिना किसी पूर्व सूचना के परिवर्तन किया गया है। कुछ टेंडरों में 4 से 40 मिनट तक का ही समय बढ़ाया गया है। अनेक जिलों में नियमों को ताक पर रखकर जल जीवन मिशन के पैसे से कार्ययोजना से बाहर जाकर करोड़ों की सामग्रियां क्रय की गई हैं। बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा सत्र के दौरान ध्यानाकर्षण में भी यह मुद्दा उठाया था। पर सत्र की समाप्ति हो गई चर्चा नही हो पाई। उन्होंने कहा की प्रदेश की जनता को शुद्ध पेयजल प्रदान करने की दिशा में सरकार का रवैया गैरजिम्मेदाराना है। जनता की तकलीफों को वे नजर अंदाज कर रहे है।

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