अपनी दो सूत्रीय मांग को लेकर ग्राम पंचायत भृत्य आज 27 मई को राजधानी रायपुर में कर रहें हैं प्रदर्शन.

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कांग्रेस के जन-घोषणा (वचन) पत्र में किए वादों को पूरा करने की कर रहें हैं मांग

दो सूत्रीय मांग

1-प्रदेश के पंचायतों में भृत्य का पद सृजित कर न्यूनतम कलेक्टर दर पर मानदेय दिया जावे

2-नियमितीकरण होने तक समस्त भृत्यों को 62/65 वर्ष तक जॉब सुरक्षा दिया जावे

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

रायपुर : छत्तीसगढ़ के 11000 पंचायतों में कार्यरत भृत्य अपनी दो सूत्रीय मांग को लेकर आज 27 मई 2023 को तुता (निमोरा) नवा रायपुर में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा-70 (1) में प्रदत्त प्रावधानों के अनुरूप प्रदेश के समस्त ग्राम-पंचायतों में ग्राम पंचायत भृत्यों की सेवाएँ 25-30 वर्षों से ली जा रही है, जिसकी संख्या 10 हजार से भी अधिक है।

वर्तमान में इन ग्राम पंचायत भृत्यों को पंचायत द्वारा रूपये 1500/- रुपये से 5000/- रुपये तक मानदेय प्रतिमाह दिया जा रहा है| (किसी पंचायत में रुपये 1500.00, किसी में रुपये  2000.00, किसी में रुपये  3000.00, किसी में रुपये  4000.00, किसी में रुपये  5000.00) छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा-111 अंतर्गत पंचायत के प्रत्येक पदधारी और उसका प्रत्येक अधिकारी या सेवक को भारतीय दंड संहिता 1860 (1860 का सं. 45) की धारा 21 के अर्थ के अंतर्गत लोक सेवक समझा गया हैं। ये कर्मचारी शासन के योजनाओं को मूर्तरूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कांग्रेस ने सरकार बनने पर 10 दिवस में प्राथमिकता से अनियमित कर्मचारियों के मांगों को पूरा करने का वादा किया था| इसी प्रकार कांग्रेस के जन-घोषणा (वचन) पत्र दूर दृष्टि, पक्का इरादा, कांग्रेस करेगी पूरा  वादा” के बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 में  अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण करने, छटनी न करने एवं आउट सोर्सिंग बंद करने का वादा किया है।

ग्राम पंचायत भृत्यों को छत्तीसगढ़ राज्य में प्रभावशील न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के अनुरूप न्यूनतम वेतन दिया जाना जाना चाहिए, जो वर्तमान में उन्हें नहीं मिल रहा है। न्यूनतम वेतन नहीं मिलने से प्रदेश के हजारों युवकों के आर्थिक, सामाजिक एवं पारिवारिक जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

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