व्ही.व्ही.आई.पी., व्हीआईपी सुरक्षा हेतु एचएचएमडी, डीएफएमडी, फिस्किंग करने के संबंध में रक्षित केन्द्र जांजगीर में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का किया गया आयोजन, इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले भर के 113 प्रधान आरक्षक एवं आरक्षक हुये सम्मिलित.

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पुलिस मुख्यालय, रायपुर से आई टीम द्वारा व्ही.व्ही.आई.पी/व्ही.आई.पी.सुरक्षा हेतु दिया गया प्रशिक्षण

प्रशिक्षण के समापन पर दौरान श्री निकोलस खलखो, उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय द्वारा उप निरीक्षक बलवंत सिंह, प्रधान आरक्षक सुमित अग्निहोत्री एवं प्रधान आरक्षक त्रिभुवन सिंह को स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, जांजगीर-चांपा

जांजगीर-चांपा : आगामी विधानसभा चुनाव 2023 एवं लोक सभा चुनाव 2024 के दौरान व्हीव्हीआईपी/व्हीआईपी प्रवास पर आम नागरिकों के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पूर्व की जाने वाली सुरक्षा जांच में किसी प्रकार की त्रुटि न हो, इसे दृष्टिगत रखते हुए एचएचएमडी, डीएफएमडी एवं फिस्किंग कौशल में वृद्धि करने हेतु दिनांक 27 मई 23 एवं 28 मई 23 को दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम रक्षित केन्द्र जांजगीर में आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में दिनांक 27 मई 23 को 04 महिला प्रधान आरक्षक सहित कुल 26 प्रधान आरक्षक एवं 03 महिला आरक्षक सहित कुल 47 आरक्षक सम्मिलित हुए। दिनांक 28 मई 23 को 02 महिला प्रधान आरक्षक सहित 07 प्रधान आरक्षक, 08 महिला आरक्षक सहित 33 आरक्षक उपस्थित हुये। प्रशक्षिण में सम्मिलत कर्मचारियों को पुलिस मुख्यालय स्तर से आये उप निरीक्षक बलवंत सिंह, प्रधान आरक्षक सुमित अग्निहोत्री एवं प्रधान आरक्षक त्रिभुवन सिंह द्वारा ड्यूटी के दौरान एचएचएमडी, डीएफएमडी, फिस्किंग का बारीकी से प्रशिक्षण देकर सभी कर्मचारियों से डेमो भी कराया गया।

पुलिस अधीक्षक द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि आगामी चुनावों के समय व्ही.आई.पी. ड्यूटी के दौरान राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के नेता का आगमन होता है, जिस दौरान पुलिस की चाक-चौबंद सुरक्षा होती हे। यदि फ्रिस्किंग अच्छे से कर लिया जाये तो कोई भी खतरा 90% प्रतिशत तक टल जाती है। साथ ही असामाजिक तत्व एवं आपराधिक गतिविधियों के व्यक्तियों के ऊपर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है। आमसभा ड्यूटी के दौरान पुरूष एवं महिलाओं का अलग-अलग प्रवेश द्वार होने से आम लोगों को आने जाने में परेशानी नहीं होती साथ ही संदिग्ध व्यक्तियों पर भी पैनी निगाह रखी जा सकती है। डीएफएमडी या एचएचएमडी से चेकिंग करने पर संदिग्ध व्यक्ति के मन में एक डर बैठ जाता है और वह ऐसी हरकत करता है जिससे की वह सुरक्षाकर्मियों की नजर में आ जाता है। फ्रिस्किंग करने से कई प्रकार के फायदे हेाते है, जैसे कि विस्फोटक का पता करना, ज्वलनशील पदार्थो का पता करना, नुकीली समाग्रियों का पता करना, आपत्तिजनक सामाग्रियों का पता चलता है। प्रशिक्षणार्थियों को सीखने की ललक होनी चाहिये, साथ ही सीखने की कोई उम्र नहीं होती है।

कार्यक्रम के समापन के दौरान श्री निकोलस खलखो, उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय द्वारा उप निरीक्षक बलवंत सिंह, प्रधान आरक्षक सुमित अग्निहोत्री एवं प्रधान आरक्षक त्रिभुवन सिंह को स्मृति-चिन्ह प्रदान किया गया।

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