स्वयं को अधिकारी बताकर धमकाकर ब्लैकमेल करने वाले दो आरोपी किए गए गिरफ्तार, आरोपियों एवं अन्य के कब्जे से बरामद किए गए चार नग मोबाईल, भेजा गया न्यायिक रिमाण्ड पर !

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आरोपियों के विरूद्ध धारा 384, 507 भादवि के अंतर्गत की गई कार्यवाही

नाम आरोपी –

(1) दिलीप सूपकार उम्र 61 वर्ष निवासी महपल्ली थाना जिला रायगढ़

(2) गणेशरानद जगत उम्र 55 वर्ष ग्राम कोट्टी पदर थाना खड़ियाल जिला नयापारा उड़िसा

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, जांजगीर-चांपा

जांजगीर-चांपा : प्रकरण के संबंध में पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार मामले का विवरण इस प्रकार है कि प्रार्थी दलगंजन साय पिता रामचन्द्र साय अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग उपसंभाग जांजगीर ने दिनांक 14 जुलाई 2023 को रिपोर्ट दर्ज कराया था कि दिनांक 08 जुलाई 23 को दोपहर लगभग 03:00 बजे प्रार्थी के मोबाईल नम्बर पर एक अज्ञात मोबाइल धारक के द्वारा वाट्सएप मैसेज किया गया था। दिनांक 09 जुलाई 2023 के दोपहर मोबाईल से प्रार्थी को फोन कर स्वयं को अधिकारी बताते हुये बोला कि मैंने जो किया है, उसे नहीं देखे हो, तुम्हारे विरुद्ध भ्रष्टाचार की शिकायत है, जिसे खतम करने के लिये तुम मुझे 2,00,000/- दो लाख रुपये दो नहीं तो मैं तुम्हारी नौकरी खा जाऊंगा, तुम कहीं के नहीं रहोगे। जब मैं ने उसे मना किया तो मुझे झूठे आरोप में फंसा देने की धमकी देने लगा। उसी दिनांक शाम करीब 07:30 बजे मुझे अज्ञात नम्बर से पुनः व्हाटस अप मैसेज आया एवं कुछ समय बाद मुझे फोन आया, जिसने अपना नाम दिलीप सुपकार बताते हुए कहा कि साहब ने तुमको फोन लगाया था, क्या सोचे हो और फिर से मुझे पैसे की मांग करने लगा और धमकी देने लगा कि पैसे नहीं दोगे तो अंजाम भुगतने के लिये तैयार रहो। अभी मामला पैसे देकर रफा-दफा कर लो कहने लगा। प्रार्थी की रिपोर्ट पर से अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया।

मामले की गंभीरता को देखते हुये विशेष टीम तथा सायबर सेल को आरोपियों की पतासाजी के लिए लगाया गया। तकनीकी एवं मुखबीर से प्राप्त सूचना के आधार पर अगल-अलग टीम बिलासपुर एवं ओडिसा भेजा गया, टीम के द्वारा तत्परता से आरोपी दिलीप सूपकार को बिलासपुर एवं उसके साथी गंगेसरानद जगत को खरियार रोड जिला नयापारा उडिसा को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया। पूछताछ में मामले का आरोपी दिलीप सूपकार ने बताया कि वह वर्ष 1990 से 2002 तक पीडब्लूडी विभाग में डेली वेजेस में काम करता था। जो वर्ष 2002 में काम से निकाल दिया गया था। वर्ष 2013-14 में भी सविदा में पीडब्लूडी में काम किया है। वर्ष 2016-17 में रायपुर गुढीयरी में गंगेसरानंद से मिला था, जिसको शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों से भया दिखाकर रूपये पैसे प्राप्त करने की अपनी योजना को बताकर उसे भी अपने साथ शामिल कर लिया।

पीडब्लूडी में काम करने की वजह से इसे अधिकारी/कर्मचारियों के नम्बर प्राप्त हो जाते थे, जिसके माध्यम से ये अपने साथी के साथ मिलकर भष्ट्राचार की शिकायत होने तथा कार्यवाही का भय दिखाता था। फिर शिकायत के निराकरण के एवज में पैसों की मांग करता था। इसके द्वारा विभाग के अलग-अलग कर्मचारियों से शिकायत के संबंध में डराकर मोटी रकम वसूली किया जा चुका है। विवेचना में अन्य खुलासे होने की संभावना है, जिनसे पुछताछ की जा रही है।

आरोपियों के द्वारा अपराध सबूत स्वीकार करने एवं अपराध धारा सदर का सबूत पाये जाने से गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया है। इस प्रकरण की कार्यवाही में निरीक्षक अशोक कुमार वैष्णव, उपनिरीक्षक सुरेश ध्रुव, हायक उपनिरीक्षक लंबोदर सिंह, आरक्षक प्रशांत चन्द्रा एवं सायबर टीम सहायक उपनिरीक्षक मुकेश पाण्डेय, प्रधान आरक्षक मनोज तिग्गा जांजगीर का विशेष योगदान रहा।

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