गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल जिला चिकित्सालय जांजगीर का एनक्यूएस, लक्ष्य और मुस्कान कार्यक्रम के तहत सर्टिफिकेशन

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कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने जिला चिकित्सालय के डाक्टरों और स्टॉफ को दी बधाई

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जांजगीर-चांपा

बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल जिला चिकित्सालय जांजगीर को स्वास्थ्य सुविधाओं में राष्ट्रीय स्तर का गुणवत्ता सर्टिफिकेशन प्रमाण पत्र मिला। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने इस साल 12 जून से 14 जून 2023 को जिला अस्पताल का निरीक्षण कर मरीजों के लिए उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया था। टीम ने इस संबंध में मरीजों से भी फीडबैक लिया था। टीम ने बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल जिला चिकित्सालय जांजगीर के मूल्यांकन के बाद 09 विभागों को एनक्यूएस, लेबर रूम व मैटरनिटी ओटी सेवाओं के लिए लक्ष्य तथा 04 विभागों को पीडियाट्रिक, एनआरसी एवं एसएनसीयू के लिए मुस्कान कार्यक्रम के तहत गुणवत्ता प्रमाण पत्र प्रदान किया है। भारत सरकार ने जांजगीर जिला अस्पताल को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (National Quality Assurance Standard), लक्ष्य (LaQshya) और मुस्कान (MusQan) कार्यक्रम के अंतर्गत गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी किया है। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने इसके लिये सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई एवं शुभकामनाये दी।

इस उपलब्धि के लिए जिला चिकित्सालय-जांजगीर के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियो ने कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देशन तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ स्वाति वंदना सिसोदिया, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री उत्कर्ष तिवारी, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. अनिल जगत, आर.एम.ओं. डॉ. अश्विनी राठौर एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ. ममता जगत के मार्गदर्शन में जिले के टीम में जिला अस्पताल प्रबंधक श्री अंकित ताम्रकर, श्री अभिषेक कौशिक, जिला चिकित्सालय जांजगीर के समस्त चिकित्सा विशेषज्ञ, चिकित्सा अधिकारी पैरामेडिकल स्टाफ एवं अन्य समस्त स्टाफ ने कार्य किया। जिसके कारण आज जिला चिकित्सालय जांजगीर को NQAS, laQshya – MusQan Certification  का प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक, लक्ष्य और मुस्कान कार्यक्रम के तहत सर्टिफिकेशन के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण किया जाता है। इनमें उपलब्ध सेवाएं, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किए जाते हैं।

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