गौठान में समूह की महिलाएं सामुदायिक बाड़ी विकास, पोल निर्माण और सरसो तेल उत्पादन का कर रही है कार्य

पोल निर्माण से अब तक 4 लाख 20 हजार रूपये की हो चुकी है आमदनी

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

जशपुरनगर : छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गौठानों को स्वावलंबी बनाने के लिए सार्थक प्रयास किया जा रहा है और स्व सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा जा रहा है। गौठानों में मुर्गी पालन, बकरी पालन, मशरूम उत्पादन, बांस की टोकरी निर्माण, बटेर पालन, बाड़ी विकास, साग सब्जी का उत्पादन, राईस मिल, पोल निर्माण, सरसो तेल, हेचरी पालन संचालन सहित अन्य गतिविधियों में शामिल करके समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।

जिला पंचायत के एनआर.एल.एम. बिहान द्वारा भी स्व सहायता समूह के महिलाओं को सशक्त बानने के उद्देश्य से आर्थिक गतिविधियों में जोड़ने का कार्य निरंतर किया जा रहा है। ताकि महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सके। जिले के विभिन्न विभागों द्वारा भी रीपा के तहत् परिवारों और समूह की महिलाओं को विभाग की योजना से लाभान्वित कर अतिरिक्त आदमनी अर्जित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

इसी कड़ी में पत्थलगांव विकासखण्ड के बहनाटांगर गौठान में पुष्कर सरसवती महिला स्व सहायता समूह, पूजा स्व सहायता समूह, महिला शक्ति स्व सहायता समुह और जय माता स्व सहायता समूह द्वारा पोल निर्माण, सरसो तेल उत्पादन, सामुदायिक बाड़ी विकास कार्य किया जा रहा है।

विकासखण्ड मुख्यालय पत्थलगांव से 17 किलो मीटर की दूरी में ग्राम पंचायत बहंनाटागर स्थित है। जहां बिहान योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत में कुल 38 समूह गठित किए जा चुके हैं जिसमें 2 ग्राम संगठन का निर्माण किया गया है। इनमें गांव की एक समूह पुष्कर महिला स्व सहायता समूह है जिसमें 11 महिला सदस्य जुडे़ है। इनके द्वारा पोला निर्माण का कार्य 2020 से शुरू किया गया था। जिसमें पोला निर्माण 2364 बनाये थे जिसका 330 दर बिक्री है। पुष्कर सरसवती समूह के द्वारा 2019 मे गोठान शुरू किया गया। 11 सदस्य वाली समूह के माध्यम से 6000 पोल निर्माण किया गया। जिसका ब्रिकी अन्य गोठानो में तथा प्राईवेट व्यक्तियो को किया गया। इस कार्य से समूह सदस्यो को नया रोजगार मिला तथा 4 लाख 20 हजार आमदनी अर्जित की जा चुकी है।

इसी प्रकार पूजा स्व सहायता समूह के माध्यम से सरसो तेल पिराई चक्रिय निधि एवं सामुदायिक निवेष निधि के सहयोग से कि जा रही है। तेल की शुद्वता के कारण स्थानीय लोग मे काफी मॉग है, इससे समूह की आजीविका गतिविधि मे रूचि बढ़ रही है।

महिला शक्ति स्व सहायता समुह के माध्यम से बाडी विकास कार्य किया जा रहा है वर्तमान मे समूह द्वारा वर्मी खाद,बोरा प्रींटिग का कार्य किया जा रहा है। जिससे महिलाओ के आर्थिक स्थिती मे सुधार हो रही है और बडचड कर आजीविका गतिविधी मे हिस्सा ले रही है।

जय माता स्व सहायता समूह द्वारा मुर्गी के अण्डे से चूजा उत्पादन का कार्य किया जा रहा है, भविष्य मे इनके द्वारा चूजा सभी गोठानो मे सप्लाई एवं स्वय के द्वारा मुर्गी पालन का कार्य करने की योजना है।

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