मेला नीलामी निरस्त कर पुनः नीलामी का रास्ता भी किया गया बंद

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, कुनकुरी

कुनकुरी : नगर पंचायत क्षेत्र कुनकुरी में लगने वाले पारम्परिक वार्षिक जतरा मेला के नीलामी ठेके की प्रक्रिया को लेकर सवाल उठने लगे है। मेला लगने की प्रक्रिया, ठेके की राशि, स्थल पर अग्निशमन विभाग की अनापत्ति, ठेके की अवधि, वसूली की दर जैसे मामलो को लेकर बरती जा रही गोपनीयता से नगर पंचायत के राजस्व को हानि पहूंचाने की मिली भगत का भी आरोप लग रहा है।

इस नीलामी प्रक्रिया में किसी प्रशासनिक अधिकारी को न बुलाना भी चर्चा में है। सामान्यतः इस प्रकार की खुली नीलामी में स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी की उपस्थिति विवादो से बचने के लिये रखी जाती है। इसी प्रकार मेला स्थल पर मेला लगने के लिये अन्य विभागों से अनापत्ति भी नही लिया जाना संदेह के घेरे मे है।

सोमवार दिनांक 20 फरवरी को नगर पंचायत कुनकुरी के सभागार में सम्पन्न हुई वर्ष 2023 के वार्षिक जतरा मेला नीलामी की प्रक्रिया सम्पन्न हुई जिसमें सरकारी बोली 4.96 लाख रखी गई थी। इस नीलामी प्रक्रिया में मात्र 3 ही ठेकेदार सम्मिलित हुए और सरकारी बोली से मात्र 15 हजार अधिक में नीलामी प्रक्रिया सम्पन्न करा दी गई और आनन फानन में ही प्रारंभिक राशि एवं अनुबंध करने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई। इस वर्ष का मेला ठेका 5.11 लाख एवं मेला स्थल किराया 1 लाख के साथ ठेकेदार अरसद हुसैन के नाम से हुआ है।

सरकारी राशि पर ही उठ रहे सवाल

वार्षिक जतरा मेला 2023 के लिये निर्धारित की गई सरकारी बोली 4.96 लाख रूपये को लेकर ही सवाल उठ रहे है। नियमानुसार कोराना काल में मेला ठेका सम्पन्न न होने के कारण 3 वर्ष से नगर में मेला नही लगा था। इसलिये विगत तीन नीलामी वर्ष का औसत निकालकर प्रतिवर्ष दस प्रतिशत राशि बढ़ाकर सरकारी बोली की राशि तय की जानी थी। इस प्रक्रिया का पालन न कर ठेकेदार को लाभ पहूंचाने का आरोप लग रहा है।

निलामी प्रक्रिया में केवल 3 ठेकेदारो का भाग लेना चर्चा में

इस वर्ष के लिये सम्पन्न हुई जतरा मेला नीलामी प्रक्रिया में केवल तीन ठेकेदारों की सहभागिता भी सवालो के घेरे में है। ठेकेदारों से मिली जानकारी के अनुसार अन्य ठेकेदारों को प्रक्रिया में भाग लेने से रोक दिया गया और एक ही गुट के तीनों ठेकेदारों द्वारा आपसी समझौते के अन्तर्गत सरकारी बोली से केवल 15 हजार की राशि अधिक देकर ठेका हथिया लिया गया। जिसके कारण नगर पंचायत को भारी राजस्व की क्षति हुई है।

सांठ गांठ से नगर पंचायत को हुआ राजस्व का नुकसान

मेला की अवधि को एक सप्ताह बढ़ाने के बाद भी निलामी की राशि अपेक्षाकृत नही बढ़ने से नगर पंचायत को नीलामी की बढ़ी राशि नही मिल पाई। वसूली की दर भी घोषित न करने से ठेकेदार द्वारा की जाने वाली मनमानी वसूली से जतरा मेला के दुकानदारों को शोषण का शिकार होना पड़ेगा। इस प्रकार की शिकायते एवं विवाद हर मेला अवधि में उठता रहा है जिस पर प्रारंभ में ही अंकुश लगाना अनिवार्य है।

10 thoughts on “कुनकुरी वार्षिक जतरा मेला 2023 : नगर पंचायत कुनकुरी द्वारा कराई गई नीलामी पर उठने लगे सवाल, सांठ गांठ से राजस्व की हुई क्षति, न्यूनतम सरकारी बोली में ठेकेदार को लाभ पहूंचाने का आरोप, क्या होगी जांच ?”

Comments are closed.

You missed

error: Content is protected !!