पंथी सिर्फ एक लोक नृत्य नहीं, बल्कि प्रेम, करूणा, सहकार और सकारात्मकता जैसी मानवीय भावनाओं का कलात्मक संदेश है – कुलसचिव प्रो. डॉ. तिवारी

15 जुलाई से प्रारंभ यह कार्यशाला 29 जुलाई तक इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में सम्पन्न होगी

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

खैरागढ़ : इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के लोक संगीत विभाग में पंथी नृत्य पर 15 दिवसीय कार्यशाला जारी है। प्रसिद्ध पंथी नृत्यकार मोहनदास चतुर्वेदी कार्यशाला के प्रतिभागियों और विद्यार्थियों को पंथी की बारीकियां बता रहे हैं। लोक संगीत एवं कला संकाय के अधिष्ठाता डॉ. योगेन्द्र चौबे ने बताया कि दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र नागपुर (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार) के सहयोग से जारी यह पंथी नृत्य प्रशिक्षण कार्यशाला एक बहुप्रशिक्षित कार्यक्रम है, जिसे प्रतिभागियों का सकारात्मक प्रतिसाद मिल रहा है, साथ ही प्रतिभागी लोक कला पंथी के विभिन्न पहलुओं को समझ पा रहे हैं।

मानवता का संदेश है पंथी : कुलसचिव प्रो. डॉ. तिवारी

कार्यशाला के उद्घाटन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के कुलसचिव प्रो. डॉ. आई.डी. तिवारी ने कहा कि पंथी सिर्फ एक लोक नृत्य नहीं, बल्कि प्रेम, करूणा, सहकार और सकारात्मकता जैसी मानवीय भावनाओं का कलात्मक संदेश है। प्रो. डॉ. आई.डी तिवारी ने पंथी के संदर्भ में सतनाम पंथ के प्रवर्तक गुरू घासीदास के उल्लेखनीय कार्यों और संदेशों को रेखांकित किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित प्रसिद्ध पंथी नृत्यकार मोहनदास चतुर्वेदी का स्वागत करते हुए पंथी नृत्य कला के मूर्धन्य कलाकारों का स्मरण किया। उन्होंने इस आयोजन के लिए कुलपति पद्मश्री डॉ. मोक्षदा (ममता) चन्द्राकर के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया।

शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता कर रहे अधिष्ठाता डॉ. योगेन्द्र चौबे ने कहा कि विद्यार्थियों की अपेक्षा के अनुरूप कुलपति डॉ. चन्द्राकर के मार्गदर्शन में इस कार्यशाला की रूपरेखा तैयार की गई। कार्यशाला के प्रस्ताव पर दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र नागपुर की सहर्ष सहमति मिली। डॉ. योगेन्द्र चौबे ने कुलपति के साथ-साथ दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र नागपुर के प्रति आभार मानते हुए प्रतिभागियों के प्रति शुभकामनाएं प्रकट की, कि वे इस कार्यशाला में पंथी को विस्तार से सीख पाएंगे। डॉ. चौबे ने आयोजन से जुड़े सभी जनों की सराहना की। अपने संक्षिप्त उद्बोधन में पंथी प्रशिक्षक श्री चतुर्वेदी ने पंथी के विश्वप्रसिद्ध कलाकार दिवंगत स्व. देवदास बंजारे का तथा उनके सान्निध्य का स्मरण किया। कार्यक्रम का संचालन शोधार्थी नम्रता अलेन्द्र ने, आभार प्रदर्शन लोक संगीत की सहायक प्राध्यापिका डॉ. दीपशिखा पटेल ने किया। इस अवसर पर समस्त अधिष्ठाता सहित विश्वविद्यालय परिवार उपस्थित था।

उल्लेखनीय है कि 15 जुलाई 2023 से प्रारंभ यह कार्यशाला 29 जुलाई 2023 तक इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में सम्पन्न होगी। विश्वविद्यालय के लोक संगीत एवं कला संकाय में प्रतिदिन सुबह 8:00 बजे से 11:00 बजे तक तथा शाम 4:00 बजे से 6:00 बजे तक प्रख्यात पंथी नृत्यकार मोहनदास चतुर्वेदी के द्वारा पंथी नृत्य का सविस्तार प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के लोक संगीत विभाग के द्वारा इस वृहद कार्यशाला का समन्वय किया जा रहा है। इसे सफल बनाने में डॉ. नत्थू तोडे़, डॉ. विधा सिंह राठौर, डॉ. बिहारी तारम, अभिनव, अनिल समेत विद्यार्थी/शोधार्थी सहित विश्वविद्यालय परिवार जुटा हुआ है।

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