समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

भाजपा प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि अब तक भाजपा नेताओं की टारगेट किलिंग कराई जा रही थी, इसके बावजूद भूपेश बघेल को शायद कोई कमी लग रही है तो अब भाजपा नेताओं को चुनाव प्रचार करने आने पर काट कर फेंक देने की खुली चुनौती दी जा रही है। भूपेश बघेल को पता चल गया है कि उनका बोरिया बिस्तर बंध गया है। कांग्रेस सत्ता से सड़क पर आ रही है तो कांग्रेस सरेआम हिंसा पर उतारू हो गई है। मोहला मानपुर में कांग्रेस विधायक के सामने तथाकथित आदिवासी नेता सुरजु टेकाम ने चेतावनी दी है कि चुनाव के समय जो भी भाजपा नेता चुनाव प्रचार करने आदिवासी इलाके में आए, इसे काट डालो। इसकी जिम्मेदारी मैं लेता हूं। यह खूनखराबे की धमकी कांग्रेस विधायक इंदरचंद मंडावी के सामने दी गई जिसका उन्होंने विरोध नहीं किया। साफ जाहिर है कि यह कांग्रेस का प्रायोजित कार्यक्रम था। जिसमें कांग्रेस के मंसूबे सामने आ गए। भाजपा ऐसे बलिदानी कार्यकर्ताओं की पार्टी है, जो प्राणों पर खेलकर आदिवासी हितों की रक्षा कर रही है। आदिवासियों के धर्मांतरण को संरक्षण देने वाली कांग्रेस हमारे कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए नक्सलियों से हाथ मिलाये हुए है। यह एक बार फिर साबित हो गया। बस्तर में हमारे 5 साथियों की टारगेट किलिंग कराई गई। मोहला मानपुर में भी हमारे पांच साथी बलिदान हुए। कांग्रेस ने अब इस इलाके में चुनाव के दौरान भाजपा नेताओं के कत्लेआम की साजिश का ऐलान भी करवा दिया है।

प्रदेश भाजपा महामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि कांग्रेस, उसकी राज्य सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इरादे हिंसात्मक हैं। कांग्रेस सारे हथकंडे अपनाकर भी सरकार नहीं बचा पा रही। इसलिए भूपेश बघेल किसी भी हद तक जा सकते हैं। लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस हिंसा के सहारे चुनाव जीतना चाहती है। आदिवासी समाज कभी भी इस तरह की हिंसा की बात नहीं सोच सकता। ये जो कांग्रेस का एजेंट कांग्रेस की ओर से भाजपा के नेताओं कार्यकर्ताओं को काट कर फेंक देने की मुनादी कांग्रेस की सरपरस्ती में कर रहा है, वह भूपेश बघेल को बहुत भारी पड़ेगा।

प्रदेश भाजपा महामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि यह साफ हो गया है कि कांग्रेस की सरकार ने छत्तीसगढ़ में निष्पक्ष चुनाव न होने देने के लिए अपनी बी टीम को मुस्तैद कर दिया है। जिस तरह लोकसभा चुनाव के दौरान बस्तर के हमारे दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी की निर्मम हत्या कराई गई, वैसा ही षड्यंत्र विधानसभा चुनाव के लिए रचा गया है। इस सरकार के रहते छत्तीसगढ़ में निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकता। लोकतंत्र की रक्षा के लिए बहुत ज्यादा जरूरी हो गया है कि भारत निर्वाचन आयोग सख्त कदम उठाए।

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