37 लाख 50 हजार हेक्टेयर में हो चुकी खरीफ़ फसलों की बुआई, धान की 87 प्रतिशत बोनी पूरी
August 5, 2023समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर
राज्य में खरीफ फसलों की बुआई अंतिम चरण में पहुंच गई है। कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक धान, अन्य अनाज के फसलों सहित तिलहन और साग-सब्जी की बुआई 37 लाख 50 हजार 140 हेक्टेयर में हो चुकी है, जो कि चालू खरीफ सीजन के लिए निर्धारित बोआई के लक्ष्य का 78 प्रतिशत है। अब तक राज्य में 31 लाख 46 हजार हेक्टेयर में धान, एक लाख 89 हजार 190 हेक्टेयर में मक्का, 49 हजार हेक्टेयर में कोदो, कुटकी एवं रागी, एक लाख 52 हजार 220 हेक्टेयर में दलहन, 84 हजार 750 हेक्टेयर में तिलहन तथा एक लाख 19 हजार 180 हेक्टेयर रकबे में साग-सब्जी एवं अन्य फसले तथा 9 हजार 670 हेक्टेयर में गन्ने की बुआई पूरी कर ली गई है।
राज्य में खरीफ सीजन 2023 में 48 लाख 20 हजार हेक्टेयर रकबे में खरीफ फसलों की बुआई का लक्ष्य है, जिसमें 36 लाख हेक्टेयर में धान, 4 लाख एक हजार हेक्टेयर में मक्का सहित कोदो-कुटकी, रागी की फसलें, 4 लाख 48 हजार 180 हेक्टेयर में दलहन, 3 लाख 60 हजार हेक्टेयर में तिलहन तथा 2 लाख 9 हजार हेक्टेयर में तिलहन तथा 2 लाख 50 हजार हेक्टेयर में साग-सब्जी एवं अन्य फसलों की खेती का लक्ष्य निर्धारित है। निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध अब तक धान की बोता-बोनी 24 लाख 70 हजार 210 हेक्टेयर में की जा चुकी है। इसी तरह राज्य में 6 लाख 75 हजार 870 हेक्टेयर में धान का रोपा लगाया गया है। धान की बोता और रोपा बोनी को मिलाकर कुल 31 लाख 46 हजार हेक्टेयर में धान की बुआई हो चुकी है, जो कि धान बोनी के लक्ष्य का 87 प्रतिशत है।
दलहन फसलों के अंतर्गत अरहर की बोनी 78 हजार 610 हेक्टेयर में, मूंग की 7 हजार 820 हेक्टेयर में, उड़द की 65 हजार 500 तथा कुल्थी की बोनी 290 हेक्टेयर में हो चुकी है, जो कि दलहनी फसलों के लिए निर्धारित 3 लाख 60 हजार हेक्टेयर बोनी के लक्ष्य का 42 प्रतिशत है।
इसी तरह खरीफ सीजन 2023 में तिलहन फसलों के अंतर्गत अब तक राज्य में 40 हजार 460 हेक्टेयर में मूंगफली, 11 हजार 410 हेक्टेयर में तिल, 31 हजार 540 हेक्टेयर में सोयाबीन, 1160 हेक्टेयर में रामतिल, 180 हेक्टेयर में सूरजमुखी एवं अरण्डी की बोनी हो चुकी है, जो कि तिलहन फसलों की बोनी के लक्ष्य का 41 प्रतिशत है। साग-सब्जी एवं अन्य फसलों की बोनी एक लाख 19 हजार 180 हेक्टेयर में की गई है, जो निर्धारित लक्ष्य का 48 प्रतिशत है।