समर्थन मूल्य पर धान खरीदी : आचार संहिता लागू होने से पहले धान खरीदी के लिए बजट जारी करे प्रदेश सरकार – कृष्ण कुमार राय

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किसानों को आर्थिक संकट से बचाने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा 2018 में की गई व्यवस्था का दिया उदाहरण

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

जशपुर : भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश महामंत्री और वरिष्ठ नेता कृष्ण कुमार राय ने विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहित लागू होने से पहले सरकार से किसानों से धान खरीदी के लिए बजट स्वीकृत करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में राय ने कहा कि वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले तात्कालीन भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किसानों के हित में पहल करते हुए ऐसी व्यवस्था की थी। पत्र में राय ने लिखा है कि प्रदेश में हर साल नवंबर माह में किसानों से समर्थन मूल्य में धान की खरीदी सरकार द्वारा की जाती है। इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नवंबर माह में ही आदर्श आचार संहित लागू होने की संभावना है। इसलिए अगर सरकार धान खरीदी के लिए पहले से बजट का प्रावधान नहीं करती है तो किसान आर्थिक संकट में फंस सकते हैं।

कृषि प्रधान छत्तीसगढ़ में धान की फसल लेने वाले किसानों की आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक स्थिति पूरी तरह से फसल की बिक्री पर निर्भर रहती है। फसल बिकने के बाद भी अगर किसानों को सही समय पर उसका मूल्य नहीं मिलता है, तो यह दुर्भाग्यजनक स्थिति होगी। जबकि चुनाव के आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद शासन और प्रशासन किसानों के लिए धान के भुगतान के लिए धनराशि की व्यवस्था नहीं कर पाएंगें। फिर किसानों को चुनावी प्रक्रिया पूरी होने के उपरांत, नई सरकार के शपथ लेने की प्रतिक्षा करनी होगी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लिखे पत्र में कृष्ण कुमार राय ने मांग की है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत किसानों को धान की फसल का पूरा भुगतान बोनस राशि के साथ किया जाए। उन्होनें कहा कि प्रदेश सरकार ने खरीफ वर्ष 2022-23 में खरीदे गए धान के बोनस का सिर्फ एक किश्त ही भुगतान किया है। इसलिए सरकार को ऐसा वित्तीय व्यवस्था करना चाहिए, जिसमें किसानों को मंडियों में धान बेचने के साथ ही बेचे गए धान की पूरी कीमत के साथ बकाया और वर्तमान बोनस की राशि भी प्राप्त हो जाए।

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