मोदीजी की बात देश समझता है, भूपेश को समझ नहीं आती, भाजपा के किसी भी मंडल अध्यक्ष से सीएम बात कर लें, वे उन्हें मोदीजी के भाषण का सार समझा देंगे

मोदीजी की बात देश समझता है, भूपेश को समझ नहीं आती, भाजपा के किसी भी मंडल अध्यक्ष से सीएम बात कर लें, वे उन्हें मोदीजी के भाषण का सार समझा देंगे

August 12, 2023 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद अरुण साव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसद में दिया भाषण समझ नहीं आने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि देश मोदी जी की बात समझता है। उनकी बात राहुल गांधी को समझ में नहीं आती तो भूपेश बघेल को समझ में कैसे आ सकती है? यह स्वाभाविक है कि भूपेश जी को विकास और जनता के भले की बातें समझ में नहीं आएंगी। यह कांग्रेस की प्रकृति है कि ऐसा कुछ भी सीएम समझने को तैयार नहीं होते, जिसमें कमीशन और भ्रष्टाचार की गुंजाइश नहीं हो।

श्री साव ने कहा कि अगर जिज्ञासु की तरह भूपेश जी समझना चाहेंगे तो हम उनके पास भाजपा के किसी भी मण्डल अध्यक्ष को भेज देंगे उनके ताकि बढ़ते भारत की आकांक्षा को वह समझने का प्रयत्न कर सकें। उन्होंने कहा कि वैसे उम्मीद नहीं है कि भूपेश बघेल वह बातें समझना चाहेंगे जो देश के विकास और आम जनता के मन की बात हो। यह तो फितरत की बात है, जिसकी जैसी फितरत होती है, वह वैसी बात सुनता, समझता और करता है। कांग्रेस की अनुवांशिकी में वंशवाद की गुलामी, अहंकार, भ्रष्टाचार, जनता से विश्वासघात, लोकतांत्रिक मूल्यों का तिरस्कार, मर्यादा का भक्षण, महिलाओं का अपमान और गरीब का शोषण भरा हुआ है। ऐसे लोगों को यही समझ में आता है और यही सुहाता है।

श्री साव ने कहा कि संसद में जनता के मुद्दों पर चर्चा से भागने वाले कांग्रेसी अपने गठबंधन स्वार्थ के लिए जमा हो जाते हैं, यह बात भूपेश बघेल को अच्छी तरह समझ में आ जाती है, राहुल गांधी संसद में महिला सांसदों के सामने फ्लाइंग किस देकर चले जाते हैं तो छत्तीसगढ़ की ही एक कांग्रेसी सांसद का बयान आ जाता है कि इंसान खुशी में कभी कभी ऐसा कर सकता है!

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री साव ने कहा कि प्रधानमंत्री की जो बात छत्तीसगढ़ के कांग्रेस शोषित गांव, गरीब, किसान, सियान, जवान, पीड़ित, वंचित आम लोगों की समझ में आ गई, वह भूपेश बघेल को समझ में नहीं आती तो इसके लिए भाजपा का कोई कसूर नहीं है। जिसकी जैसी मति होगी, उसमें वैसी ही बातें प्रवेश कर सकती हैं।