प्रधानमंत्री आवास योजना से जशपुर जिले में असहाय लोगों के पक्के घर का सपना हो रहा साकार

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श्रीमती शांति भी अब अपने परिवार के साथ रह रही है पक्के मकान में

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के मार्गदर्शन एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री संबित मिश्रा के दिशा-निर्देश में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ जिले के हितग्राहियों को दिया जा रहा हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना से गांव की झोपड़ी में रहने वाले अनेक परिवारों का पक्के मकान का सपना पूरा हो रहा है। इसी कड़ी में दुलदुला विकासखण्ड के ग्राम छेरडांड़ के हितग्राही शांति बाई के पक्के मकान में रहने का सपना पूरा हुआ है।

श्रीमती शांति ने बताया कि मेरे पति मजदूरी करते है। बचपन से ही शांति बाई ने गरीबी को देखा है एवं पूरा परिवार कच्चे मकान में रहता है। मनरेगा के तहत् ग्राम पंचायत में किये जा रहे कार्यों में मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। गरीबी के कारण हम लोग अपना स्वयं का मकान नहीं बनवा सके तथा सदैव यह सपना होता था कि हमारा भी एक पक्का मकान हो जिसमें हम अपने परिवार के साथ रह सके। परंतु आर्थिक तंगी के चलते वह सपना पूर्ण नही हो पा रहा था। अंदर से मन खिन्न हो चला था उसी समय कुछ लोगो ने हमें बताया कि प्रधानमंत्री ने गरीब असहाय लोगो के लिए घर बनवाने की एक योजना चलाई है, जिसके द्वारा गरीब असहाय लोगो के अपने पक्के घर का सपना साकार हो रहा है। मुझे इसका विश्वास न हुआ परंतु प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण योजना अंतर्गत वर्ष 2019-20 में आवास स्वीकृत हुआ और आज हमारा पक्का मकान है। अब हम परिवार सहित पक्के मकान में आराम से रहते है। हम आभारी है शासन का, जिन्होने गरीबो को उनके सपने पूरे करने का अवसर दिया। आज उन्ही के कारण हमारे पास अपना पक्का मकान है।

श्रीमती शांति एवं उनके परिवार की जिंदगी गुजर गई झोपड़ी में। धूप, बरसात और कीड़े, जानवरों के डर के साये में जीते। छप्पर झोपड़ी की जिंदगी से वह परेशान थें। नातेदार रिश्तेदार के सामने भी बेइज्जती होती थी, परंतु मजबूरी से सब कुछ सहन करना पड़ता था बरसात में तो खाना बनाने और रात में सोने में बहुत कठिनाई होती थी, परंतु अपनी गरीबी पर रोते थे जब उन्हें पता चला कि उनका नाम भी आवास सूची में है उन्होंने बताया कि उन्हें बीते वर्ष प्रधानमंत्री आवास आबंटित हुआ जिसे वे बड़ी लगन व मेहनत से बना कर तैयार किया। वर्तमान में आवास बनकर तैयार हो गया है। उन्होंने बताया कि वे निर्धन व मजदूरी पेशा होने के चलते कभी सोच भी नहीं सकते थे कि इतना सुंदर घर अपने जीवन में बना पाएॅंगे।

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