पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू एवं किसान मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष गौरीशंकर श्रीवास ने आज भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में पत्रकार वार्ता आयोजित कर भारतमाला परिजोजना में मुआवजा घोटाला का किया खुलासा

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छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ा मुआवजा घोटाला का खुलासा किया जा रहा है, इस घोटाले की जाँच केन्द्रीय एजेंसी से किये जाने की मांग भी की जा रही है.

भारतीय जनता पार्टी राज्यपाल से मुलाक़ात कर इसका खुलासा करेगी तथा केंद्रीय मंत्रालय में शिकायत भी करेगी, इस मुआवजा घोटाले में कई पटवारी, आरआइ, तहसीलदार तथा कई आईएएस अधिकारियों के भी शामिल होने की है संभावना. इस मुआवजा घोटाले की तार सीएम सचिवायल तक जुड़े हुए है

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

रायपुर. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू, किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष गौरी शंकर श्रीवास आज भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि-

भारत माला सड़क निर्माण एवं रायपुर विशाखापट्नम कारिडोर निर्माण हेतु सड़क परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण द्वारा दोनों परियोजना के लिए भू अर्जन एवं भूमि स्वामी को मुआवजा वितरण राजस्व अनुविभागीय अभनपुर को कार्य सौंपा गया जिसमें लगभग 600 करोड़ राशि वितरित किया गया है।

भू-अर्जन एवं मुआवजा वितरण में नियमों को ताक में रखकर पुराने तिथियों से जमीन का बाटांकन एवं नामांतरण की कार्यवाही धड़ल्ले से की गई।

राजस्व नियमों के विपरित अधिसूचना जारी होने के बाद पिछले तिथियों में रातों-रात बाटांकन एवं डायवर्सन किया गया, ताकि कुछ चिन्हित हितग्राहियों को 18 गुणा अधिक मुआवजा दिया जा सके। इस तरीके से भारत सरकार के राशि को इसी तहसील में लगभग 400 करोड़ से अधिक की राशि का वितरण किया गया जिसमें भू-माफियाओं व अधिकारियों की मिलीभगत से राशि पात्र लोगों तक नहीं पहुंचा और इनके जेब में गये।

इसके अतिरिक्त सैकड़ो करोड़ रूपये को निहित स्वार्थ के लिए व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने की दृष्टि से शासकीय जमीन की भी प्रकरण पूर्णतः नियम विपरित इस अनुभाग के द्वारा किया गया।

यह प्रक्रिया निरंतर जारी है और लगभग 1 हजार करोड़ से अधिक की राशि भारत सरकार की इस मंत्रालय से जमीन की हेराफरी एवं रिकार्ड को परिवर्तित कर जनता एवं केन्द्र के पैसो को चपत लगाने में लगे है। यह मामला गंभीर है, भविष्य में रायपुर जिला सहित अन्य जिलों में ऐसे प्रकरण पाये जा सकते है जिसकी जाँच केन्द्रीय एजेंसी से कराया जाना आवश्यक है, क्योकि केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना के तहत 2 हजार करोड़ से भी अधिक राशि मुआवजा के लिए स्वीकृत की गई।

मुआवजा वितरण में अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग मापदंड का पालन किया गया है।

अभी मुआवजा वितरण हितग्राहियों से बिना कमीशन लिये अधिकारियों के द्वारा नहीं किये जा रहे। अतः निहित स्वार्थ में संलग्न लोगों की बैंक अकाउंट को सीज करके अतिशीघ्र न्याय दिलाया जाये।

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