चिरायु योजना से मिल रही है बच्चों को नई जिंदगी,श्रवण बाधित 6 वर्षीय आराध्या की हुई सफल सर्जरी
September 17, 2023समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, बलौदाबाजार-भाटापारा
बलौदाबाजार : भाटापारा शहर की निवासी छः वर्षीय बच्ची आराध्या को जन्म से ही सुनने की समस्या रही। बच्ची के पिता हेम कुमार देवांगन ने बताया की बच्ची के जन्म के लगभग एक वर्ष के भीतर ही यह आभास हो चुका था की बच्ची को सुनने में समस्या है क्यों कि आवाज़ों पर वह प्रतिक्रिया नहीं देती थी। इस स्थिति में एक निजी अस्पताल में सबसे पहले सुनने की क्षमता की जाँच के लिए बेरा टेस्ट किया गया जहाँ बताया कि बच्ची 90 प्रतिशत से अधिक श्रवण बाधित है जिसके लिए कॉकप्लेयर इंप्लांट सर्जरी की आवश्यकता पड़ेगी।।इस बारे में भाटापारा के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेन्द्र माहेश्वरी के अनुसार क्योंकि बच्ची शब्दों को सुन नहीं पाती है,उनके नाम नहीं जानती जिस कारण वह चीजों को पहचान भी नहीं पाती ऐसे में उसे स्पीच थेरेपी की भी जरूरत पड़ी । भाटापारा में ही राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (चिरायु) की टीम द्वारा माता-पिता से संपर्क कर उसके इलाज की व्यवस्था की गई। कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी,में कॉक्लियर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है जो सर्जरी के माध्यम से कान में लगाया जाता है जिसका एक भाग कान के बाहर पीछे की ओर तथा दूसरा भाग कान के आंतरिक भाग में बिठाया जाता है। बच्ची की सर्जरी की व्यवस्था राजधानी रायपुर के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर मेमोरियल अस्पताल (मेकाहारा) में नाक कान गला रोग विशेषज्ञ डॉ हंसा बंजारे की देख रेख में टीम ने की। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी महिस्वर के अनुसार कॉक्लियर इंप्लांट निजी अस्पतालों में एक महंगी सर्जरी मानी जाती है जिसका अनुमानित खर्च 5 से 6 लाख रुपए पड़ता है। चिरायु के माध्यम से यह उपचार पूरी तरह से बच्ची के लिए नि:शुल्क रहा है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चिरायु के माध्यम से चिकित्सा दल स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करता है तथा किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या के निदान हेतु आवश्यकता पड़ने पर बच्चों को उच्च संस्थानों में उपचार करवाने की व्यवस्था भी करता है जो की पूरी तरह से नि:शुल्क होता है। उक्त बच्ची के उपचार में सहयोग करने वाली चिरायु टीम में डॉ सोनल तिवारी,डॉ राजकुमार साव,कविता वर्मा और मनोज साहू सम्मिलित रहे।