इस जिले के गौठान में समूह की महिलाएं मल्टीएक्टीविटी से जुड़ी, आय हो रही लाखों में………जाने सफलता की कहानी

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ग्राम मोखला के गौठान में मल्टीएक्टीविटी से जुड़ी समूह की महिलाएं, वर्मी कम्पोस्ट एवं केचुआ विक्रय से 1 लाख 99 हजार रूपए की आमदनी प्राप्त, मत्स्य पालन के नवाचार से आर्थिक स्थिति बनेगी मजबूत, ग्राम मोखला में फल-फूल रही है शासन की बाड़ी योजना, महिला स्वसहायता समूह ने की गेंदा की खेती, हल्दी एवं जिमीकंद से बढ़ी आय, शिवनाथ नदी से बारहमासी पानी की उपलब्धता

समदर्शी न्यूज़ राजनांदगांव

शासन की सुराजी गांव योजना ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक जागृति की मशाल भी है जिसकी रौशनी से ग्रामीण महिलाओं को आगे बढऩे का संबल और हौसला मिला है। राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम मोखला के स्वसहायता समूह की महिलाओं की जिन्दगी बदल रही है। शिवनाथ नदी के तट पर बसे गांव मोखला में बारहमासी पानी की उपलब्धता इस गांव की समृद्धि बयां कर रही है। नदी के किनारे बना आदर्श गौठान मोखला अब मल्टीएक्टीविटी सेंटर के रूप में कार्य कर रहा है। जिला प्रशासन द्वारा महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं को विभिन्न गतिविधियों से जोड़ा गया है, जिससे इन्हें अतिरिक्त आय प्राप्त हो रही है।

जय मां अम्बे स्वसहायता समूह द्वारा 476 क्विंटल वर्मी खाद का उत्पादन किया गया। जिसमें से 418 क्विंटल वर्मी खाद का विक्रय किया गया। महिला स्वसहायता समूह को वर्मी खाद से 1 लाख 43 हजार 438 रूपए की राशि लाभांश प्राप्त हुई। वहीं गौठान समिति को 2 लाख 9 हजार 486 रूपए की राशि लाभांश प्राप्त हुई है। समूह द्वारा 70 हजार रूपए केचुआ का विक्रय किया गया। इस तरह 1 लाख 99 हजार रूपए की आमदनी प्राप्त हुई। समूह की महिलाओं ने राखी भी बनाई जिससे उन्हें आय प्राप्त हुई। समूह की सदस्य श्रीमती कलिन्द्री साहू कागज का थैला, फेसिंग तार निर्माण एवं मशरूम उत्पादन भी कर रही हैं।

कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देश पर नवाचार करते हुए महिलाओं को मल्टीएक्टीविटी से जोडऩे के लिए मत्स्य पालन हेतु गौठान में ही तालाब निर्माण किया गया है। जहां समूह की महिलाएं मत्स्य पालन कर रही हैं। रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में मोखला गौठान विकसित हो रहा है। गौठान में एक ही स्थान पर विविध गतिविधियां संचालित होने से महिलाओं के आय में वृद्धि हुई है।


जय मां वैष्णवी महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं ने किस्म-किस्म के बैंगन, टमाटर, भिण्डी, लौकी, गिल्की, ग्वांरफली, ककड़ी, मिर्च, नीबू, कुंदरू, तोरई, सेम, बरबट्टी की सब्जियां लगायी हैं। ताइवान के खास तरह के पपीते फल रहे हैं, वहीं करमता भाजी, खट्टा भाजी, चेचभाजी लगी हुई है। फलदार पौधे केला, आम, अमरूद, अनार लगे हुए हैं। समूह की सदस्य श्रीमती मेहतरिन यादव ने शिवनाथ नदी के तट पर आधा एकड़ जमीन में सब्जी लगाई है और विगत आठ माह में 60 हजार रूपए की आय प्राप्त हुई है। इस प्रकार उन्हें प्रतिमाह 7 हजार 500 रूपए अतिरिक्त आय मिली। लॉकडाउन की अवधि में इन्हें रोजगार का साधन मिला।

साथ ही ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर सब्जी-भाजी की उपलब्धता हुई। उन्होंने प्राप्त आय से मोटरसायकल खरीदी है, ताकि सब्जी-भाजी शहर ले जाकर विक्रय कर सके। भवानी स्वसहायता समूह की श्रीमती प्रेमबाई साहू, बिमला निषाद एवं सुमन निषाद ने संयुक्त रूप से गेंदा फूल का उत्पादन कार्य किया, जिससे इन्होंने 650 किलो गेंदा फूल का विक्रय कर 18 हजार रूपए का लाभ कमाया है। इनके द्वारा अभी हल्दी एवं जिमीकंद उत्पादन प्रारंभ किया गया है। गौठान में तालाब का निर्माण किया गया है और मत्स्य पालन कार्य प्रारंभ किया गया है जिसमें मत्स्य बीज उत्पादन का कार्य किया जा रहा है। मुर्गी पालन के लिए शेड बनाए जा रहे हैं। नेपियर घास का उत्पादन भी महिलाएं कर रही है। सोलर पैनल से सिंचाई हो रही है।

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