मोदी राज में आम जनता पर कर्ज हुआ दुगना, देश पर कर्ज 3 गुना, जनता की बचत घटकर हुई आधी – सुरेंद्र वर्मा

मोदी राज में आम जनता पर कर्ज हुआ दुगना, देश पर कर्ज 3 गुना, जनता की बचत घटकर हुई आधी – सुरेंद्र वर्मा

September 23, 2023 Off By Samdarshi News
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मोदी निर्मित आर्थिक आपदा और मित्र परस्त नीतियों से जनता बदहाल, किसानों की औसत आय 27 रू. प्रतिदिन, मित्र कमा रहे 1600 करोड़ प्रतिदिन

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि देश के आमजनता की लगातार गिरती आमदनी और बढ़ते उधारी का मुख्य कारण मोदी निर्मित आर्थिक आपदा है। 100 दिन में महंगाई कम करने का वादा करके केंद्र में बैठी मोदी सरकार के महालूट के चलते ही देश की जनता की पारिवारिक बचत ऐतिहासिक रूप से न्यूनतम स्तर, जीडीपी के मात्र 5.1 प्रतिशत पर आ गई है। 2020-21 में शुद्ध पारिवारिक बचत कुल जीडीपी का 11.5 प्रतिशत था, जो 2021-22 में घटकर 7.2 प्रतिशत पर आ गया था और अब तो ऐतिहासिक रूप से न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। मोदी सरकार ने दैनिक उपभोग की वस्तुओं को भारी भरकम टैक्स के दायरे में लाकर और अनियंत्रित मुनाफाखोरी करके न केवल आम परिवारों का बजट बिगड़ा है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी वेंटिलेटर पर पहुंचा दिया है। कुल कर संग्रहण 3 गुना बढ़ा है लेकिन इसका लाभ पूंजीपति मित्रों के लोन राइट ऑफ करने में और कार्पोरेट को राहत देने में लगा दिया है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि मोदी सरकार ने देश के संसाधन, सार्वजनिक उपक्रम, देश के खनिज, कोयला सड़क, बंदरगाह, एयरपोर्ट अडानी के हवाले कर दिए। एसबीआई और एलआईसी का पैसा भी मित्र पर लुटा दिए। मोदी से पहले देश के कुल 14 प्रधानमंत्रीयों ने 67 साल में कुल मिलाकर केवल 55 लाख करोड़ कर्ज लिया था, लेकिन 2014 के बाद मोदी सरकार ने अकेले ही 100 लाख करोड़ से अधिक का कर्ज लेकर देश पर कुल कर्ज का भार 2014 की तुलना में तीन गुना अधिक कर दिया है। 2014 में अदानी की कुल संपत्ति लगभग 50 हजार करोड़ की थी, जो 2019 में 1 लाख करोड़ हो गई, उसके 2 साल के भीतर ही 12 लाख करोड़ तक पहुंचाने का श्रेय 18-18 घंटा काम करने वाले उनके मित्र का ही है। मोदी सरकार के आंकड़ों में ही एक तरफ जहां देश के अन्नदाता किसानों की औसत आय मात्र 27 रुपए प्रतिदिन है वहीं प्रधानमंत्री के मित्र औषत 1600 करोड़ रोज कमा रहे हैं। मोदी राज में देश के भीतर यदि कुछ बढ़ रहा है तो वह असमानता, गरीबी, भुखमरी, महंगाई और बेरोजगारी है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि ना महंगाई मोदी सरकार के नियंत्रण में है और ना ही मुद्रास्फीति, व्यापार संतुलन बुरी तरह बिगड़ा हुआ है। इस साल लगातार 6 महीनो से निर्यात में गिरावट दर्ज की जा रही है, अगस्त 2023 में व्यापार घाटा विगत 10 महीनो में सर्वाधिक है। निवेश और निर्यात में बहुत कमी आई है। स्मार्टफोन के उत्पादन और बिक्री में भी विगत 14 साल में पहली बार लगातार 2 साल से गिरावट दर्ज की जा रही है। डॉलर 82 और 83 तक पहुंच गया, मुद्रा स्फीति मोदी सरकार के नियंत्रण से बाहर है। महंगाई रिजर्व बैंक के अधिकतम तय सीमा 6 प्रतिशत से लगातार ऊपर बना हुआ है, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार का पूरा फोकस केवल अपने पूंजीपति मित्रों का आय बढ़ाने में है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि जनता की जेब लगातार खाली हो रही है, परिवारों पर बढ़ते कर्ज के भार का मुख्य कारण खर्च की तुलना में पर्याप्त आय नहीं होना है। मोदी राज में न केवल पारिवारिक कर्ज बढ़ा है बल्कि पीएफ के खातों में जमा पैसे को निकालने की रफ्तार भी बढ़ी। पारिवारिक बचत घटकर आधी रह गई है, परिवारों पर कर्ज का भार लगातार बढ़ रहा है। देश में परिवारों की वित्तीय देनदारियां 2022-23 में बढ़कर 15 लाख 60 हजार करोड़ से अधिक हो गया है जो कुल जीडीपी का 5.8 प्रतिशत है, विगत वर्ष यह देनदारी जीडीपी का मात्र 3.5 प्रतिशत ही था। केंद्र के मोदी सरकार की अडानी परस्त नीतियों का नुकसान  देश की आमजनता को उठाना पड़ रहा है, देश की जनता लगातार बदहाल हो रही है।