नारायण चंदेल दलीय चटुकारिता में भूल गए हैं कि वे उस रमन सरकार में एमएलए और विधानसभा उपाध्यक्ष रहे जिसने 3000 स्कूल बंद किया – सुरेन्द्र वर्मा

Advertisements
Advertisements

रमन सरकार ने 15 साल नियमित पद पर एक भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं की थी, भूपेश सरकार ने 27000 नियमित भर्तियां की

रमन सरकार ने मॉडल स्कूलों को निजी डीएवी को बचा था, भूपेश सरकार ने स्कूलों का जीर्णोद्धार कराया , नए स्कूल भी खोले

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता नारायण चंदेल के बयान पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को शिक्षा व्यवस्था को लेकर भूपेश सरकार पर आरोप लगाने का नैतिक अधिकार नहीं है। छत्तीसगढ़ की जनता यह भूली नहीं है कि रमन सरकार के दौरान 3000 से ज्यादा स्कूल बंद किए गए थे, जिसको भूपेश सरकार ने पुनः शुरू कराया। पहले प्रत्येक जिलों में मॉडल स्कूल हुआ करता था, जिसको रमन सरकार ने इंफ्रा स्ट्रक्चर सहित निजी क्षेत्र के संस्थान डीएवी को बेचने का पाप किया। नेता प्रतिपक्ष बताएं कि 15 साल में रमन राज के दौरान छत्तीसगढ़ में एक भी पद पर नियमित शिक्षक की भर्ती क्यों नहीं की गई? भूपेश सरकार ने न केवल 1 लाख़ 47 हजार शिक्षाकर्मियों का संविलियन करके नियमित शिक्षक बनाया, बल्कि चार साल के भीतर ही पहले 14580 फिर अब 12500 कल लगभग 27 हजार से अधिक नियमित पदों पर शिक्षा की भर्ती की है। छत्तीसगढ़ के युवाओं के सरकारी नौकरी में रोजगार के अधिकार का गला घोटने वाले भाजपाई जिनकी उपेक्षा से छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा बदहाल हो चुकी थी वे भूपेश सरकार पर तथ्यहीन आरोप लगा रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भूपेश सरकार ने न केवल पूर्व में संचालित स्कूलों में बेहतर व्यवस्था की, बंद किए गए स्कूलों को पुनः खोला, उनका जीर्णोद्धार किया, शिक्षकों की नियमित पदों पर भर्ती की, उसके साथ ही उच्च गुणवत्ता युक्त हिंदी और अंग्रेजी माध्यम के 747 स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले जिसकी चर्चा आज देश दुनिया में हो रही है। स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ ही छत्तीसगढ़ में बालवाड़ी खोलने की व्यवस्था भी भूपेश सरकार ने ही की है। जहां-जहां स्वामी आत्मानंद उत्कर्ष स्कूल खुले हैं वहां भारतीय जनता पार्टी के नेता एडमिशन के लिए अपनी अनुशंसा पत्र जारी करते हैं, लेकिन राजनीति में बने रहने के लिए इसी तरह अनर्गल आरोप लगाते हैं। नारायण चंदेल वरिष्ठ नेता है, अपने कार्यकाल और भूपेश सरकार की तुलना कर ले।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!