सघन सुपोषण अभियान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, एएनएम, स्वयंसेवी संस्था तथा समुदाय निभा रही महत्वपूर्ण भूमिका : प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत
September 1, 2021प्रभारी मंत्री श्री भगत ने मोहला में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान एवं समुदाय आधारित सुपोषण प्रबंध कार्यक्रम अंतर्गत अतिरिक्त आहार का किया शुभारंभ
मानपुर सहित मोहला एवं छुईखदान में सघन सुपोषण योजना का किया गया विस्तार, गंभीर कुपोषित बच्चों तथा गर्भवती माताओं को सुपोषण किट का किया गया वितरण
समुदाय आधारित कुपोषण प्रबंधन की पुस्तिका परिचालन दिशा-निर्देश एवं प्रशिक्षण मेनुअल का किया गया विमोचन
कार्यक्रम में एम्स के डायरेक्टर डॉ. नितिन नागरकर एवं यूनिसेफ के राज्य प्रमुख जाब जकारिया हुए शामिल
समदर्शी न्यूज़ राजनांदगांव
जिले के प्रभारी एवं खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी, संस्कृति मंत्री अमरजीत सिंह भगत ने आज वर्चुअल मोड में वन धन केन्द्र पानाबरस मोहला से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान एवं सामुदाय आधारित सुपोषण प्रबंध कार्यक्रम अंतर्गत अतिरिक्त आहार का शुभारंभ किया। मंत्री श्री भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत कुपोषण दूर करने में सफलता मिली है। वहीं कुपोषण के खिलाफ इस जंग में सामुदाय में उत्साह आया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बच्चों में कुपोषण और महिलाओं में एनीमिया को दूर करने 2 अक्टूबर गांधी जयंती पर मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान प्रारंभ किया और इसका परिणाम सुखद रहा।
वास्तव में इस अभियान के तहत कुपोषित बच्चों के अभिभावकों को कुपोषण से लडऩे के लिए जागरूक करना है। कुपोषण को दूर करने यह आवश्यक है कि बच्चों को पौष्टिक आहार, स्वास्थ्य सुविधाएं, अच्छा वातावरण मिल सके। शासन तथा प्रशासन लगातार इस दिशा में कार्य करते हुए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि राजनांदगांव जिले के अधिकांश क्षेत्र मुख्य रूप से आदिवासी क्षेत्र है। जहां पर इस योजना का संचालन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत बच्चों तथा माताओं को गर्म भोजन, अण्डा, गुड़, चना तथा पौष्टिक आहार दिया जा रहा है, जिसके अच्छे परिणाम मिल रहे हैं।
शासन-प्रशासन तथा समुदाय के सहयोग से कुपोषण मुक्ति के लिए कार्यक्रम चलाएं जा रहे हैं। इस अभियान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, एएनएम, सामाजसेवी संस्था तथा समुदाय महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। समुदाय द्वारा लोगों को जागरूक करने विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। कुपोषण के खिलाफ अभियान परोपकार एवं सकारात्मक कार्य है। जिले के पिछड़े क्षेत्रों में जहां महिलाओं में एनीमिया खून की कमी पाई जाती है, उन स्थानों पर विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। जिससे सकारात्मक परिणाम मिलेंगे तथा कुपोषण को दूर करने में सफलता मिलेगी।
कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने कहा कि आजादी के 75वीं वर्षगांठ में कुपोषण से मुक्ति के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत मानपुर के बाद मोहला एवं छुईखदान में सघन सुपोषण अभियान एवं समुदाय आधारित सुपोषण प्रबंध कार्यक्रम अंतर्गत अतिरिक्त आहार का शुभारंभ किया गया है। कुपोषण से निपटने के लिए जिले में सघन सुपोषण अभियान प्रारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम समुदाय का कार्यक्रम है। इसमें पंचायतीराज, जनप्रतिनिधि, एनजीओ, यूनीसेफ, एम्स, महावीर सेवा समिति, उद्याचल एवं श्री शांति विजय सेवा समिति तथा मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस अभियान में सभी एक संगठन के अंदर कार्य करते हुए कड़ी के रूप में जुड़े है। इसके तहत कुपोषित बच्चे एवं महिलाओं का चिन्हांकन कर सुपोषित करने के लिए कार्य किए जाएंगे। उन्हें दवाईयां एवं पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराकर कुपोषण दूर किया जाएगा। जिससे आने वाले समय में जिला एनीमिया तथा कुपोषण से मुक्त होगा।
संचालक एम्स रायपुर डॉ. नितिन नागरकर ने कहा कि शासन-प्रशासन एवं आम नागरिकों के आपसी सहयोग से कुपोषण को दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों के कुपोषित होने से अन्य बीमारी होने की संभावना अधिक होती है। माताओं तथा बच्चों को स्वस्थ रखने की जरूरत है। बच्चे स्वस्थ रहेंगे, तो उनकी शारीरिक और मानसिक वृद्धि अच्छी होगी। मोहला में सघन सुपोषण अभियान की शुरूआत अन्य जिलों तथा राज्य के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा। यूनिसेफ के राज्य प्रमुख श्री जाब जकारिया ने कहा कि मोहला में सामुदायिक आधारित कार्यक्रम का शुभारंभ अच्छी पहल है। यह प्रदेश के लिए एक अच्छा उदाहरण है। देश तथा प्रदेश के लिए कुपोषण बड़ी चुनौती है। गंभीर कुपोषित बच्चों में मृत्यु दर का खतरा अधिक होता है। इस अभियान के माध्यम से इन बच्चों का चिन्हांकन कर स्वास्थ्य जांच, दवाई की उपलब्धता तथा पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराकर कुपोषण को दूर करना है।
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान एवं सामुदाय आधारित सुपोषण प्रबंध कार्यक्रम में गंभीर कुपोषित बच्चों तथा गर्भवती माताओं को सुपोषण किट दिया गया। वहीं बच्चों एवं माताओं की स्वास्थ्य जांच की गई। कुपोषित बच्चों के अभिभावकों को स्वास्थ्य एवं पौष्टिक आहार संबंधी जानकारी दी गई। महिला एवं बाल विकास विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। इस दौरान समुदाय आधारित कुपोषण प्रबंधन की पुस्तिका परिचालन दिशा-निर्देश एवं प्रशिक्षण मेनुअल का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में एम्स रायपुर बाल रोग विभाग डॉ. अनील कुमार गोयल, यूनिसेफ न्यूट्रेशन ऑफिसर डॉ. महेन्द्र प्रजापति, जनपद पंचायत अध्यक्ष मानपुर दिनेश शाह मंडावी, जनपद पंचायत मानपुर उपाध्यक्ष श्रीमती शाहिद खान, जनपद सदस्य श्रीमती छाया उईके, जनपद सदस्य श्रीमती सुशीला भण्डारी, एसडीएम मोहला श्री ललितादित्य नीलम, एसडीएम मानपुर राहुल रजक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी, समाज सेवी संजय जैन सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी एवं आम नगारिक उपस्थित थे।