औषधि पादप बोर्ड द्वारा जड़ी-बूटी पीसने के ‘पल्वालाईजर’ मशीन का वितरण, औषधि प्रसंस्करण में होगी आसानी, सात वनमंडलों के 90 वैद्यों को मिला लाभ

औषधि पादप बोर्ड द्वारा जड़ी-बूटी पीसने के ‘पल्वालाईजर’ मशीन का वितरण, औषधि प्रसंस्करण में होगी आसानी, सात वनमंडलों के 90 वैद्यों को मिला लाभ

October 8, 2023 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

छत्तीसगढ़ आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड द्वारा बोर्ड कार्यालय में छत्तीसगढ़ राज्य के पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को परंपरागत रूप से कार्य कर रहे वैद्यों को आज जड़ी-बूटी पीसने के मशीन का वितरण किया गया। इससे सात वन मंडलों धमतरी से 10 वैद्य, कांकेर से 20 वैद्य, कबीरधाम से 10 वैद्य, बिलासपुर से 20 वैद्य, कोरबा से 10 वैद्य, कोण्डागांव से 10 वैद्य तथा कटघोरा से 10 वैद्य कुल 90 वैद्य लाभान्वित हुए।

इस अवसर पर वैद्यों ने अपनी खुशी का इजहार करते हुए इसे औषधि प्रसंस्करण कार्य में बहुत महत्वपूर्ण बताया और पल्वालाईजर मशीन के प्रदाय में वन विभाग अंतर्गत औषधि पादप बोर्ड की पहल की सराहना की। उन्होंने बताया कि पल्वालाईजर मशीन प्राप्त होने से अब औषधि पादपों तथा जड़ी-बूटी को कूटने-पीसने में बहुत आसानी होगी तथा औषधि पाउडर में स्वच्छता एवं गुणवत्ता भी बनी रहेगी।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज संग्राहकों को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में लघु वनोपजों के संग्रहण के साथ-साथ प्रसंस्करण, विपणन आदि व्यवस्था के तहत अधिक से अधिक लाभ दिलाने निरंतर प्रयास हो रहे हैं। इस तारतम्य में औषधि पादप बोर्ड के अध्यक्ष श्री बालकृष्ण पाठक ने बताया कि राज्य के परंपरागत वैद्यों की सुविधा के लिए उन्हें मशीन का वितरण किया गया है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव तथा बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री जे.ए.सी.एस. राव ने बताया कि राज्य में आगे इस योजना का और विस्तार किया जाएगा। आज पल्वालाईजर मशीन का वितरण बोर्ड के सदस्यों श्री बीरसिंह पद्दा तथा श्री शुक्ला प्रसाद धुर्वे द्वारा किया गया।

छत्तीसगढ़ आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड के सीईओ श्री राव ने जानकारी दी कि उक्त मशीन एक समूह पद्धति के रूप में प्रदाय किया गया है। मशीन का प्रदाय किए गए समूह के साथ-साथ आस-पास के 8 से 10 गांव में निवासरत अन्य वैद्य समुदाय को भी लाभ होगा। इस मशीन के माध्यम से हर्रा, बहेड़ा, आंवला, हल्दी, कालमेघ, बला, सतावर, अडूसा, तुलसी, ब्राहमी, तिखुर, बायबिडन, कौंच, अश्वगंधा, बच, स्टीवया, गिलोय इत्यादि जड़ी-बूटी के रॉ मटेरियल को पीसने में उपयोग किया जा सकेगा।