छत्तीसढ़ में भाजपा खोटे सिक्कों और फूंके हुए कारतूसों के सहारे, उनके ही कार्यकर्त्ताओं को नहीं है उनपर भरोसा – सुरेंद्र वर्मा

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नकारे सांसदों, दागी पूर्व मंत्रियों और हारे हुए प्रत्याशियों को उतरना भाजपा की मजबूरी

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि प्रत्याशियों की सूची से बड़ा स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा ने एक बार फिर अपने खोटे सिक्कों को आजमाया है। चुनाव जीतने के बाद से भारतीय जनता पार्टी के सांसद छत्तीसगढ़ के हक और अधिकार को लेकर पूरी तरह से निष्क्रिय रहे। केंद्र में छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि के तौर पर अपनी भूमिका निभाने में पूरी तरह नाकाम है, अब जब इन्हें प्रत्याशी बनाया गया है तो क्षेत्र में जनता तो पूछेगी कि संसद के तौर पर जब अवसर मिला तो इनकी उपलब्धियां क्या है रही? हजारों ट्रेन निरस्त होने पर भी चुप्पी साधे रखने की मजबूरी क्या थी? केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह सहित चार सांसदों को छत्तीसगढ़ में टिकट देकर बली का बकरा बनाया गया है। भाजपा का सिर्फ नेतृत्व यह मान चुका है कि छत्तीसगढ़ में भूपेश पर भरोसे की सरकार का इनके पास कोई विकल्प नहीं और 2024 में भाजपा के वर्तमान सांसद के टिकट काटने की पटकथा वर्तमान विधानसभा चुनाव के परिणाम के पूर्वानुमान के आधार पर लिखी जा चुकी है। छत्तीसगढ़ में भाजपा के चुनावी हार का ठीकरा अरुण साव, नारायण चंदेल सहित भाजपा के सांसदों पर भी फूटना तय है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी सूची से बहुत स्पष्ट है की टिकट वितरण के संदर्भ में पूर्व में किए गए भाजपा नेताओं के सारे दावे झूठे थे। भाजपाईयों का दावा था कि हारे हुए प्रत्याशी को टिकट नहीं मिलेगी। खरसिया से 2018 में हारे उम्मीदवार को रायगढ़ से टिकट दिया गया, कटघोरा से हारे प्रत्याशी को इस बार कोरबा से प्रत्याशी बनाएं, यही नहीं रायपुर के ग्रामीण जिला अध्यक्ष को बलौदा बाजार से उम्मीदवारी यह बताती है कि भाजपा में प्रत्याशियों का कितना संकट है। राजिम, डोंडी लोहारा, सरायपाली, लोरमी में भाजपा ने जिन्हें उम्मीदवार बनाया है वो 2018 में भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़े थे। केशकाल से ब्यूरोकेट को इस्तीफा दिला कर प्रत्याशी बनाया, आरंग में दूसरे दल से बुलाये गये, रायपुर उत्तर में भी प्रत्याशियो की दौड़ से अलग अप्रत्याशित नाम से भाजपा कार्यकर्ता ही अचंभित हैं। युवा प्रत्याशी का दावा करने वाले भाजपा की सूची में 70, 72 ,75 और 80 साल के नेताओं को टिकट दी गई। रायपुर शहर के ही चार सीटों में से दो उम्मीदवार भाजपा ने उन्हें बनाया है जो पूर्व में कांग्रेस में रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि वर्तमान विधायकों की टिकट काटने का दावा भी झूठा साबित हुआ। अब तक केवल एक ही वर्तमान विधायक का टिकट काटा गया है और वह भी आदिवासी वर्ग का, बिंद्रा नवागढ़ के विधायक डमरू उधर पुजारा का टिकट काट दिए। ओबीसी वर्ग से भाजपा के सबसे बड़े नेता, पूर्व सांसद पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू की टिकट काट दिया गया। भारतीय जनता पार्टी दरअसल आदतन आदिवासी विरोधी है, अनुसूचित जाति विरोधी है, पिछड़ा वर्ग विरोधी है महिला विरोधी है महिला आरक्षण की तो बात करते हैं लेकिन भाजपा की जारी सूची में उनकी नियत नहीं दिखती है। स्थानीय नेता कार्यकर्ता और आरक्षित वर्ग के अपनी ही पार्टी के नेता कार्यकर्ताओं के हक का गला घोटना भाजपा का चरित्र है। पूर्ववर्ती रमन मंत्रीमंडल में शामिल लगभग सारे दागी सारे भ्रष्टाचारी मंत्रियों को पुनः प्रत्याशी बनाया जाना भाजपा द्वारा 2018 के जनादेश का फिर से अपमान करना है।

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