बेनामी एवं बिना हस्ताक्षर के शिकायत के सम्बन्ध में छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष ने लिखा पत्र

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष संजय सिंह ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ रायपुर से बेनामी एवं बिना हस्ताक्षर के शिकायत के संबंध में बिना जाँच के कारवाई नहीं किया जाय।

उन्होंने पत्र में लिखा है कि वर्तमान में विधानसभा निर्वाचन की प्रक्रिया जारी है। निर्वाचन का फायदा उठाकर किसी न किसी व्यक्ति द्वारा बिना हस्ताक्षर के बेनामी किसी समिति आदि के नाम से मुख्य निर्वाचन आयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी आदि को निराधार एवं बिना प्रमाण के लिपिक वर्ग के धर्मधारियों के संबंध में शिकायत किया जा रहा है। शिकायत निराधार होते हुए भी लिपि कर्मचारियों को फर्जी शिकायत पर बारम्बार स्पष्टीकरण देना पड़ रहा है, जिससे उनकी छवि धूमिल हो रही है।

उन्होंने लिखा है कि निराधार और अप्रमाणित शिकायत पर सीधे सीधे जांच की कार्यवाही कराया जाना चाहिए। यदि शिकायतकर्ता के शिकायत सही पाये जाते हैं तो संबंधित लिपिक के विरूद्ध कार्यवाही करना चाहिए और यदि शिकायत निराधार पाए जाने पर शिकायतकर्ता की खोजबीन कर उसके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही किया जाना चाहिए। अभी विधान सभा प्रक्रिया जारी है। ऐसे ही लिपिक वर्ग कर्मचारी चुनाव कार्यो में व्यस्त है, जिससे शिकायत के कारण लिपिक वर्ग कर्मचारियों का मनोबल गिरता है और ठीक से निर्वाचन एवं कार्य सुधारू रूप से सम्पन्न नहीं करा पाते है ऐसी फर्जी शिकायतों को सक्षम अधिकारियों द्वारा प्रथमतः सूक्ष्मता से जांच कराया जाना चाहिए। फर्जी शिकायतकर्ता के द्वारा इसलिए यह कृत्य किया जाता है कि राजस्व विभाग के लिपिक वर्ग के कर्मचारी आम जनता के कार्यो का निष्पादन करते है आम जनता के प्रत्येक कार्यों से सीधे जुड़े रहते हैं, किसी का कार्य नियमों एवं कानूनों के तहत नहीं हो पाता है, ये लिपिक कर्मचारियों के विरूद्ध हो जाते है और चुनाव का फायदा उठाकर तरह-तरह के फर्जी शिकायत करते रहते हैं।

ऐसे बेनामी शिकायत कर्ताओं के द्वारा प्रस्तुत शिकायत का प्रथम दृष्टियां जाँच कराकर शिकायत सही पाये जाने पर दोषी कर्मचारी के विरुद्ध अथवा शिकायत निराधार पाए जाने पर  शिकायतकर्ता का पता कर उसके विरुद्ध  सम्बंधित थाना में प्राथमिकी दर्ज कराना न्यायोचित होगा। ताकि भविष्य में कोई इस तरह की फर्जी शिकायत कर किसी कर्मचारी को परेशान न कर सकें।

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