साजिश और षडयंत्र भाजपा का चरित्र है, सत्ता की हवस में अपने ही कार्यकर्ता के लाश पर घृणित राजनीति कर रहे हैं भाजपाई – सुरेंद्र वर्मा

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रमन सिंह के 15 साल के कुशासन में ही नक्सलवाद नासूर बना, अब नियंत्रित हुआ है तो घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

नक्सलवाद और टारगेट किलिंग को लेकर भारतीय जनता पार्टी के आरोप पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि दरअसल भाजपा नेताओं को अपने पाप याद आ रहे है, साजिश और षडयंत्र भाजपा का चरित्र है। छत्तीसगढ़ में सुदूर दक्षिण बस्तर के दो ब्लॉक में सीमित नक्सलवाद को रमन सरकार के दौरान ही खाद पानी देकर प्रदेश के 14 जिलों तक प्रसारित करने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेता किस मुंह से आरोप लगाते हैं? रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते हैं उनके गृह जिला कवर्धा और संसदीय क्षेत्र राजनांदगांव भी नक्सलवाद के जद में धकेल दिया गया। रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते हैं झीरम का क्रूर नरसंहार हुआ जो दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्या है। भारतीय जनता पार्टी के नेता यह बताएं की 2013 में तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष स्वर्गीय नंद कुमार पटेल के नेतृत्व में जब बस्तर के घोर नक्सल क्षेत्र में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा निकली थी तब किस षड्यंत्र के तहत रमन सिंह ने कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की सुरक्षा हटवाया था? भाजपा के दामन पर झीरम के शहीदों के खून के छीटें लगे हैं, अनर्गल बयानबाज़ी करके भाजपाई अपने पाप मुक्त नहीं हो सकते।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि लाश पर रोटी सेकने वाले राजनीतिक गिद्ध की भूमिका में बैठे भारतीय जनता पार्टी के नेता यह बताएं की केंद्रीय गृह विभाग के अधिन काम करने वाली एनआईए किसके इशारे पर और किसे बचाने के लिए जांच को भटका रही है? झीरम मामले में एनआईए ने किसके दबाव में गणपति और और रमन्ना का नाम चार्जशीट से हटाया? आज तक न झीरम के शहीदों को न्याय मिला और न ही दंतेवाड़ा के दिवंगत भाजपा विधायक भीमा मंडावी के परिजनों को। मोदी सरकार के केन्द्रीय गृह विभाग का रवैय्या स्पष्ट है कि एनआईए न खुद जांच करना चाहती है और न ही राज्य सरकार के पुलिस और एसआईटी को जांच करने दे रही है। 16 जून 2020 को वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष भारद्वाज द्वारा जारी रिपोर्ट में भाजपा नेता और नक्सलियों के साठगांठ का विस्तृत वर्णन था, जिसका आज तक भाजपा की तरफ से खंडन नहीं आया है। इसी तरह शुभांशु चौधरी की किताब में छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं और नक्सलियों के एटमी संबंधों का जिक्र है जिस पर भी भाजपाई मौन है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि इतिहास गवाह है कि नक्सलियों के साठगांठ तो भाजपा के नेताओं के रहे हैं। नक्सलियों के सप्लायर धर्मेंद्र चोपड़ा तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी के सांसद सोहन पोट्टाई की गाड़ी से पकड़े गए थे। भाजपा नेता शिवदयाल तोमर की हत्या के आरोप में पकड़े गए पोडियम लिंग ने अपने बयान में भाजपा नेताओं की संलिप्तता कबूल किया था। दंतेवाड़ा भाजपा का जिला उपाध्यक्ष जगत पुजारा नक्सलियों को ट्रैक्टर और ट्राली सप्लाई करते हैं रंगे हाथों पकड़े गए। हकीकत यह है कि छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी चुनाव में हर को देखकर तिलमिला उठी है और अब सत्ता हासिल करने अपने ही कार्यकर्ता के लाश पर घृणित राजनीति कर रही है।

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