भाजपा को करारी हार के संकेत मिलने पर छत्तीसगढ़ की बोली भाखा याद आयी, भाजपा नेता सत्ता में थे तब छत्तीसगढ़ी बोली बोलने वाले को हीन भावना से देखते – धनंजय सिंह ठाकुर

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जो भाजपा के लोग छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति का विरोध करते थे अब हार सामने देखकर छत्तीसगढ़ी में गाना बना रहे हैं

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

रायपुर भाजपा के द्वारा छत्तीसगढ़ की बोली भाषा में थीम जारी करने पर तंज करते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने 5 वर्षों में छत्तीसगढ़ी बोली भाषा खान-पान, रहन-सहन, तीज त्यौहार, परंपरा संस्कृति को उभारने का काम किया, देश में नई पहचान दिलाने का काम किया तब भाजपा को छत्तीसगढ़ की बोली भाषा की याद आ रही है। 15 साल जब सत्ता में भाजपा थी तब छत्तीसगढ़ी बोली भाषा के लिए कुछ नहीं किया गया। भाजपा के नेता छत्तीसगढ़ी बोलने वालों को कमतर आते थे और हीन भावना से देखते थे।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पंद्रह साल छत्तीसगढ़ को चारागाह समझने वाली भाजपा अगर छत्तीसगढ़ को महतारी कह रही है तो वह भी भूपेश बघेल की देन है। भूपेश सरकार द्वारा विश्व आदिवासी दिवस के दिन को अवकाश घोषित किया और आदिवासी समुदाय का सम्मान किया। छत्तीसगढ़ में तीजा पोरा के लोक पर्व के दिन शासकीय अवकाश भूपेश सरकार द्वारा घोषित किया गया। भूपेश सरकार बनने के बाद तीजा पर्व को बड़े ही गौरव के साथ मुख्यमंत्री निवास मैं मनाया जाता है और उस दिन प्रदेश की महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री निवास को अपना मायका समझ कर बड़े ही हर्ष से वहां इस लोक पर्व और छत्तीसगढ़ी व्यंजनो का मुख्यमंत्री के साथ आनंद लेती है। यह वही बीजेपी है जो छत्तीसगढ़िया वाद के खिलाफ है बोरे बासी दिवस का विरोध करती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुख्यमंत्री निवास में छत्तीसगढ़िया तीज त्यौहार का आयोजन करते हैं, गेड़ी चढ़ते हैं, भंवरा चलाते हैं, छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन करते हैं, विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन करते हैं, छत्तीसगढ़ियावाद की बात करते हैं तब यही भाजपा नेता उसका विरोध करते हैं। प्रदेश ने वह दिन भुला नहीं है जब भाजपा के प्रदेश के सह प्रभारी नितिन नवीन ने छत्तीसगढ़ महतारी के मूर्ति लगाने पर सवाल खड़ा किए थे। भाजपा के प्रदेश प्रभारी छत्तीसगढ़ियावाद की बात नहीं करने की बात कहते है? आज 90 सीटों में कांग्रेस की लहर और छत्तीसगढ़ियों की कांग्रेस सरकार की पुनः वापसी के संकेत मिलने पर भाजपा को प्रदेश की बोली भाषा याद आ रही है पर प्रदेश की जनता भाजपा के बहरूपिया चाल को समझती और जानती है पहचानती है।

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