विधान सभा चुनाव में एकल अभियान ने दिया सराहनीय योगदान, दो माह तक निरंतर मतदाता जागरूकता के साथ मतदान दिवस तक निभाई सक्रीय भूमिका,
November 19, 2023सभी सेवाव्रती भाई-बहन ने पूरे 50 दिन के ग्राम सन्यास के संकल्प के साथ किया मतदाता जागरूकता कार्यक्रम.
समदर्शी न्यूज़ डेस्क
अंबिकापुर/कुनकुरी : एकल अभियान के सेवाव्रतियों ने छत्तीसगढ़ विधान सभा चुनाव में जो कार्य किया वो अकल्पनीय तो है ही साथ ही प्रेरणादायक भी है।
कुछ उदाहरण –
सभी सेवाव्रती भाई-बहन ने पूरे 50 दिन का ग्राम सन्यास का संकल्प लिया। मतदाता जागरूकता अभियान के चलते घर तक नहीं गए।
विद्यालय ग्राम (स्थाई कार्यक्षेत्र) से बाहर भी लगभग 10,000 से अधिक ग्रामों में परिवार संपर्क, पत्रक वितरण, सभाएं की गई।
नक्सल प्रभावित ग्रामों में भी मतदाता जागरूकता सभा तथा हर परिवार से संपर्क किया गया।
एक स्थान पर 2 कार्यकर्ता बम ब्लास्ट की चपेट में आने से थोड़ा सा ही बचे। सभा करके एक किलोमीटर दूर ही गए थे कि वहीं ब्लास्ट हुआ और जब हमनें दोनों से घर वापस जाने के लिए कहा तो ग्राम सन्यास के संकल्प को नहीं तोड़ेंगे कह कर क्षेत्र में ही सक्रीय रहे।
एक का नाम नक्सलवादियों ने मांरने की धमकी के पर्चे में भी दे दिया।
एक बहन की माता जी गुजर गईं पर अंतिम दर्शन को नहीं गईं। मतदान के दिन ही घर गईं और पूरे गांव का मतदान सही जगह हो वो जिम्मेदारी से किया।
द्वितीय चरण के मतदान क्षेत्र के 200 से अधिक सेवाव्रती दीपावली पर भी घर नहीं गए।
स्वास्थ्य खराब होने की स्थिति में कार्यालय अवश्य गए, किंतु घर नहीं गए।
कार्यकारी समितियों के हर स्तर के बंधु भगिनी लगातार हर सेवाव्रती के संपर्क में उनका मनोबल बढ़ाते रहे, स्वयं जाकर साथ में सभाएं की।
संच/अंचल/भाग की मां तथा प्रेरकों ने रोज रिपोर्ट लेकर समीक्षा की तथा आगे की योजना बनाने में कार्यकर्ताओं की सहायता की।
विधानसभा की रोज की स्थिति पर पैनी नजर रखकर कार्य योजना में यथा योग्य परिवर्तन करते हुए आगे बढ़े।
अनेक गांवों में केवल एकल ही कार्यरत रहा। अत: धरातल के समाचार मातृ संगठन और जिसे पहुंचाना आवश्यक लगा वहां पहुंचाते गए ताकि सही रणनीति बनती रहे।
संपर्क एप डेवलप किया गया। जहां-जहां गए वहां के सभी डाटा एकत्र करके सुरक्षित किए गए। ताकि आने वाले समय के विभिन्न अभियानों में भी अधिक कुशलता से परिणाम दायी कार्य कर सकें। इनका उपयोग इस चुनाव में भी अच्छी प्रकार हुआ।
मतदान से एक दिन पूर्व हर परिवार में हल्दी चावल देकर मतदान का आमंत्रण दिया और मतदान के दिन हर गांव में मतदाताओं की केंद्र तक पहुंचने में सहायता की।
दीवार लेखन के माध्यम से भी जागरूकता की गई।
सोशल मीडिया का प्रभावी उपयोग किया गया। सुनियोजित चैनल बना कर ग्राम स्तर तक के ग्रुप में प्रचार विभाग की पूर्ण सामग्री लगातार भेजी गई।