बेरोजगार रमन सिंह को झूठ की नीली चिड़िया उड़ाने का नया शौक – मोहन मरकाम

Advertisements
Advertisements

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

रायपुर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि सत्ता हाथ से जाने के सदमें से तीन साल बाद भी बाहर नहीं निकल पाये हैं। बेरोजगार रमन सिंह को अब ट्वीटर पर रोज-रोज झूठ की नीली चिड़िया उड़ाने का नया शौक लग गया है। कांग्रेस सरकार के द्वार किये गये जनहित के कामों और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बढ़ती लोकप्रियता से रमन सिंह कांग्रेस सरकार को बदनाम करने के लिये झूठे और मनगढ़त आरोपों का सहारा लेने लगे है। कभी बुनकरों को काम नहीं देने का गलत आरोप लगाते है, कभी स्व सहायता समूह से रेडी-टू-इट का काम छीनने का भ्रम फैलाते है तो कभी प्रदेश में धर्मांतरण की अफवाह फैलाते है। यही नहीं रमन सिंह अपनी राजनैतिक रोटी सेंकने अपने गृह नगर कवर्धा की सांप्रदायिक सद्भावना बिगाड़ने से भी पीछे नहीं हटते।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि प्रदेश में रेडी-टू-इट के वितरण का काम महिला स्व-सहायता समूह के पास ही है तथा सभी शासकीय खरीदी का काम पारंपरिक बुनकरों से ही करवाया जा रहा है। रमन सिंह मंडी टैक्स के नाम पर किसानों में भ्रम फैला रहे। मंडी टैक्स स्वयं रमन सिंह के सरकार के समय से लगता है वर्तमान में केवल उसकी दरों में मामूली संशोधन किया गया है। रमन सिंह झूठा भ्रम फैला रहे कि मंडी टैक्स किसानों से लिया जायेगा जबकि हकीकत में मंडी टैक्स किसानों से नहीं व्यापारियों से लिया जायेगा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह  की केंद्र में भाजपा सरकार है जिसने देश भर की मंडी की व्यवस्थाओं को खत्म करने के लिए तीन काले कृषि कानून लेकर आई थी। जिसके विरोध में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने मंडी संशोधन विधेयक लाकर किसानों के हित की रक्षा की। वह अलग विषय है कि राज्य सरकार के मंडी संशोधन विधेयक को 1 साल से राज्यपाल महोदय जी के द्वारा अध्ययन के नाम से रोका गया जो न्यायोचित नहीं है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि पूर्व की रमन सरकार ने भी मंडी व्यवस्थाओं को खत्म करने के लिए सौदा पत्रक की शुरुआत की जिसमें किसान मंडी के बजाय सीधा मिल में जाकर धान बेच सकते हैं और इससे मंडी को मिलने वाले शुल्क में कमी हुई गड़बड़ घोटाला हुआ मंडी में अनुबंध पत्र के आधार पर किसान और व्यापारी उपज का सौदा करते हैं एक से अधिक व्यापारी होने के चलते उपज खरीदने प्रतिस्पर्धा होती है तो किसानों को अच्छे दाम मिलते हैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार छत्तीसगढ़ में किसानों को धान के कीमत 2500रुप्रति क्विंटल से अधिक दे रही है धान के अलावा कोदो कुटकी रागी दलहन तिलहन गन्ना मक्का फलदार वृक्ष और सब्जी लगाने वाले किसानों को भी राजीव गांधी किसान या योजना के माध्यम से प्रति एकड़ ₹10000 की इनपुट सब्सिडी दे रही है ऐसे में भाजपा जो निरंतर किसानों के अहित के लिए जानी पहचानी जाती है एक बार और छत्तीसगढ़ में मंडी शुल्क के नाम से किसानों के भरमाने के कोशिश कर रही है किसानों के उन्नति पर बाधा करने का षड्यंत्र कर रही है।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!