मोदी सरकार के काले कानूनों के खिलाफ ड्राइवरों की मांग जायज़ : न प्रभावित वर्ग से सलाह, न सुझाव, न चर्चा, सीधे मनमानी घोषणा अलोकतांत्रिक – प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा

Advertisements
Advertisements

समदर्शी न्यूज़ – रायपुर : मोदी सरकार के अधिनायकवादी फैसलों के विरोध में ड्राइवरों के हड़ताल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि मन की बात करना और मनमानी थोपना केंद्र की मोदी सरकार का राजनीतिक चरित्र बन चुका है। निजी बीमा कंपनियों को मुनाफा पहुंचने के लिए जन विरोधी नीति थोपी गई है। वाहन चालक आर्थिक रूप से इतना सक्षम नहीं होते हैं कि 10 लाख रुपए का जुर्माना पटा सकें गरीब ड्राइवर पर दोहरी मार केंद्र की मोदी सरकार के फैसले से पड़ने वाली है। एक तरफ भारी भरकम जुर्माना, दूसरी तरफ 7 साल जेल की सजा ऐसे में जब परिवार का कमाने वाला मुखिया एक ड्राइवर 7 साल के लिए जेल चला जाएगा तो उसके परिजनों का क्या होगा ? उनका भरण पोषण कैसे होगा ? केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा थोपे गए इस काले कानून से देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वाहन चालक वर्ग बुरी तरह से भयभीत है। दुर्घटना जानबूझकर नहीं होती, ऐसे में भारी भरकम जुर्माना और लंबी सजा का प्रावधान आम वाहन चालकों के सामर्थ्य से बाहर हैं, अमानवीय है, अव्यावहारिक है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी और केंद्र की मोदी सरकार लोकतंत्र को खत्म करने पर अमादा है। मोदी सरका को जब-जब जन विरोधी कानून पास करना होता है, तब-तब षडयंत्रपूर्वक बिल पेश करने से पहले विपक्षी दल के सांसदों को सदन से बाहर कर दिया जाता है। जिस तरह से कोविड काल में बिना चर्चा, बिना बहस के पूंजीपति मित्रों के मुनाफे के लिए एक-एक दिन में 12-12 श्रमिक विरोधी कानून पास किया, ठीक उसी तरह से विगत दिनों विपक्ष के सांसदों को षड़यंत्रपूर्वक सदन से बाहर करके जन विरोधी काले कानून थोप दिए, उसी में से एक यह प्रावधान देश के गरीब वाहन चालकों के खिलाफ है। केंद्र की मोदी सरकार अहंकार छोड़कर गरीब ड्राइवरों की मांग पर तत्काल संज्ञान ले और नए कानून में संशोधन करें।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!