क्रूड ऑयल के दाम कम हो गये मोदी सरकार पेट्रोल डीजल के दाम नहीं घटा रही, पेट्रोल-डीजल में मोदी सरकार और पेट्रोलियम कंपनियां मिलकर जनता से प्रति लीटर 30 रू. कमाई कर रहीं – सुशील आनंद शुक्ला

क्रूड ऑयल के दाम कम हो गये मोदी सरकार पेट्रोल डीजल के दाम नहीं घटा रही, पेट्रोल-डीजल में मोदी सरकार और पेट्रोलियम कंपनियां मिलकर जनता से प्रति लीटर 30 रू. कमाई कर रहीं – सुशील आनंद शुक्ला

January 5, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़, रायपुर : प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि क्रूड ऑयल के दाम कम हो गये मोदी सरकार पेट्रोल, डीजल के दाम नहीं घटा रही है। पेट्रोल डीजल की महंगाई के लिए केंद्र की मोदी सरकार और पेट्रोलियम कंपनियों के मुनाफाखोरी गठबंधन को जिम्मेदार है। मोदी की गारंटी पेट्रोलियम कंपनियों की मुनाफा बढ़ाने की है और आम जनता पर महंगाई का बोझ बढ़ाना है। बीते 19 महिना में अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों में 31 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है जून 2022 में जहां क्रूड ऑयल के दाम 116 डॉलर प्रति बैरल था आज जनवरी 2024 में 75 डॉलर है प्रति बैरल लगभग 42 डॉलर की कमी हुई, लेकिन देश के भीतर किसान मजदूर युवा व्यापारी उद्योगपतियों को आज भी महंगे दरों पर पेट्रोल और डीजल खरीदना पड़ रहा है। मोदी सरकार और पेट्रोलियम कंपनियां मिलकर आम जनता की जेब से पेट्रोल डीजल के माध्यम से प्रति लीटर 30 रू. से अधिक की कमाई कर रही है। बीते 10 वर्षों में मोदी सरकार ने पेट्रोल डीजल से लगभग 32 लाख करोड़ रुपए की कमाई की है और पेट्रोलियम कंपनियों को मुनाफाखोरी में छूट देने से बीते 6 महीने में पेट्रोलियम कंपनियों ने लगभग 47000 करोड़ रुपए की कमाई की है और गरीब जनता महंगाई की मार के बोझ तले दबते जा रही है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों में जनता को महंगाई से राहत देना नहीं है बल्कि मुनाफाखोरी करना है। मोदी सरकार जनता से हमेशा वसूली के लिए तैयार रहती है चाहे वह जीएसटी के माध्यम से हो या पेट्रोल डीजल रसोई गैस ट्रेन के टिकटों के दामों में बढ़ोतरी कर जनता का जेब  ढीला करना हो तनिक भी पीछे नहीं हटती है। आज देश के सामने मोदी सरकार की मुनाफाखोरी उजागर हो गई है जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम  मे गिरावट आई है तो पेट्रोल डीजल के दामों में उसी के मुकाबले कमी होनी चाहिए जिससे पेट्रोल डीजल का उपयोग होने वाले उद्योगों में लागत मूल्य कम आता, कृषि लागत कम होती ट्रांसपोर्टिंग चार्ज में कमी होती तो निश्चित तौर पर आवश्यक वस्तुओं के दामों में जो बढ़ोतरी हुई है उसमें भी कमी आती। लेकिन जिस प्रकार से मोदी सरकार कच्चे तेल के दाम में कमी का लाभ जनता को देना नहीं चाहती है इससे स्पष्ट है कि मोदी सरकार चंदपूंजीपतियों के हाथों की कठपुतली है और उन्हीं के अच्छे दिन लाने और उन्हीं के खजाने को भरने के लिए काम कर रही है। 2024 में देश की जनता केंद्र से मोदी सरकार की विदाई करेगी तभी देश के 144 करोड़ से अधिक जनता को महंगाई से राहत मिलेगा। आवश्यक वस्तुओं के दामों में कमी आएगी सही समय पर ट्रेन मिलेगी।