राजीव गांधी किसान न्याय योजना के चौथे किश्त की राशि किसानों का अधिकार इसे तुरंत जारी करें – सुशील आनंद शुक्ला

समदर्शी न्यूज़, रायपुर : उपमुख्यमंत्री अरूण साव के द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किश्त के भुगतान के संबंध में दिये गये बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यह किसानों का अधिकार है इसका भुगतान तत्काल किया जाना चाहिये। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीन किस्तों का भुगतान किया जा चुका है और चौथे किस्त के भुगतान का प्रावधान बजट में किया गया है लेकिन भाजपा नेताओं द्वारा दुर्भावनापूर्वक जनकल्याणकारी योजनाएं, साल खत्म होने से पूर्व ही बंद करने का षड़यंत्र रच रहे हैं। भाजपा नेता यह स्पष्ट करें कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किस्त छत्तीसगढ़ के किसानों को कब मिलेंगी, या उसे भी हड़पने की मंशा है?

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि मोदी की गारंटी के नाम पर 3100 रुपया प्रति क्विंटल एक मुश्त देने का वादा करके सत्ता में बैठे भाजपा के नेता यह बताएं कि एमएसपी और 3100 रूपए के अंतर की राशि छत्तीसगढ़ की किसानों को कब मिलेगी? किसानों के द्वारा लिया गया कर्ज लिंकिंग के माध्यम से शत-प्रतिशत वसूला जा रहा है, लेकिन किसानों को भुगतान केवल 2183 रुपए प्रति क्विंटल की दर से ही हो रहा है। आखिर किसानों के हक और अधिकारों पर कब तक डकैती डालते रहेंगे भाजपाई?

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि आदतन किसान विरोधी भाजपाई चुनाव जीतते ही वादाखिलाफी पर उतर आए हैं। डिप्टी सीएम विजय शर्मा सहित भाजपा के तमाम प्रत्याशी चुनाव प्रचार के दौरान छत्तीसगढ़ के सभी किसानों का 2 लाख तक का कर्ज माफ करने का वादा करते दिखे लेकिन सरकार बनते ही भाजपा नेताओं ने यू टर्न ले लिया। धान और किसान का विषय भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के लिए केवल चुनावी है, चुनाव खत्म मुद्दा खत्म। आदतन वादाखिलाफी करने वाले भाजपाई अब छत्तीसगढ़ के किसानों के प्रति अपने दायित्व से भाग रहे हैं। 100 दिन में महंगाई कम करने के वायदे, 2 करोड़ रोजगार हर साल, 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने, स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश लागू करने के वादे और सभी के बैंक खातों में 15-15 लाख़ के समान ही छत्तीसगढ़ में मोदी की गारंटी का हश्र जुमला साबित होते हुआ दिख रहा है।

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