कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र नारायणपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा आयोजित एड्स जागरूकता पखवाड़ा का हुआ समापन

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पूरे पखवाड़े में स्लोगन, रंगोली, पोस्टर, व्याख्यान के माध्यम से एड्स  के प्रति किया गया जागरूक

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

नारायणपुर, कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र की राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा एड्स पकवाड़ा मनाया गया। जिसका उद्देश्य एड्स के प्रति जागरूक किया जाना था। इसी तारतम्य में ग्राम कोहोकामेटा , बिजली,केरलापाल, पालकी,नारायणपुर,कुंदला  के ग्रामीणों को  राष्ट्रीय स्वयं सेवकों के द्वारा  पूरे पखवाड़े में स्लोगन, रंगोली, पोस्टर, व्याख्यान के माध्यम से एड्स  के प्रति जागरूक किया गया।  एड्स पखवाड़े का समापन कार्यक्रम कृषि महाविद्यालय के प्रांगण में किया गया। इस कार्यक्रम के  मुख्य वक्ता डॉक्टर कमलेश  इजारदार  मेडिकल ऑफिसर कोकहामेटा सेक्टर एड्स की  जानकारी देते हुए बताया कि  यह एचआईवी नामक विषाणु से होता है।

संक्रमण के  लगभग 12 सप्ताह के बाद ही रक्त की जांच यह विषाणु प्रवेश कर चुका है ऐसे व्यक्ति को एचआईवी पॉजिटिव कहते हैं। एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति कई वर्षों तक सामान्य प्रतीत होता है। सामान्य जीवन व्यतीत करता है। लेकिन दूसरों में बीमारी फैलाने में सक्षम होता है। उन्होंने आगे एड्स फैलने के कारण को बताया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से एड्स नहीं फैलता है। परंतु संक्रमित व्यक्ति के द्वारा उपयोग की गई सुई सिरिंज दूसरों के लिए उपयोग करने में, यौन संबंध या संक्रमित अंग का प्रत्यारोपण से, एचआईवी संक्रमित माता के शिशु ,प्रसव के बाद, प्रसव के समय आदि। एचआईवी से संक्रमित होने पर लक्षणों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि गले या बगल में सूजन भरी  गिलटिया,बुखार, खांसी, वजन घटना, मुंह में घाव आना, शरीर पर घाव होना खुजली होना, या चकत्ते आना आदि लक्षण दिखाई देते हैं। परंतु एचआईवी संक्रमण का पता नहीं लगता जब तक  खून की जांच ना हो जाए।कार्यक्रम अधिकारी एवं अधिष्ठाता डॉ रत्ना  नशीनें  ने अपने उद्बोधन में कहा की एचआईवी  संक्रमित व्यक्ति के साथ सामान्य संबंध हो जैसे हाथ मिलाना। एक साथ भोजन करना,एक ही कमरे में या घर में रहने पर, एक ही शौचालय या स्नानघर का प्रयोग तथा मच्छर के काटने से यह रोग नहीं फैलता। डॉ नशीनें ने आगे कहा ने आगे कहाकहा कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को प्यार दे उनसे दूरी ना बनाएं। एड्स का कोई उपचार  का या बचाव का टीका नहीं है। हमेशा जीवाणु रहित अथवा डिस्पोजेबल सिरिंज सुई का उपयोग करें। अपनी नियमित जांच कराएं। सफाई का ध्यान रखें। एड्स के प्रति दूसरे लोगों को भी जागरूक करें और अपने को भी स्वस्थ रखें और समाज को भी बचाएंl

उपस्थित लोगों को कोरोना के टीकाकरण के लिए जागरूक भी  किया तथा उन्हें दूसरों को भी कोरोना के टिकाकरण हेतु जागरूक करने का संदेश दिया गया।

यह संपूर्ण कार्यक्रम अधिष्ठाता एवं राष्ट्रीय सेवा योजना अधिकारी डॉ. रत्ना नशीने के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया,

स्वयं सेवको में वीर नारायण सिह, गुड्डू राम उसेंडी, शेखर साहू, लीना कंवर , अंगद राज बग्गा,  दिलेन्द्र वर्मा, एवं  कीर्ति साहू  के साथ 68  स्वयं सेवक उपस्थित थे।

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