आदिवासी जननायक अमर शहीद गुंडाधुर की स्मृति दिवस पर मुख्यमन्त्री ने किया नमन

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समदर्शी न्यूज़, जशपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भूमकाल स्मृति दिवस पर आदिवासी जननायक अमर शहीद गुंडाधुर को नमन किया है। उन्होंने शहीद गुंडाधुर के छायाचित्र पर माल्यार्पण किया l मुख्यमंत्री श्री साय ने  आज  कहा है कि आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन के लिए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह का आगाज करने वाले नायक गुंडाधुर का बलिदान इतिहास में हमेशा अमर रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हजारों आदिवासियों के प्रेरणास्त्रोत गुंडाधुर ने बस्तर को अंग्रेजों के हुकूमत से आजादी दिलाने के लिए अपना बलिदान दे दिया l  इसलिए आज भी उन्हें बस्तर में देवता की तरह पूजा जाता है l. हर साल 10 फरवरी को भूमकाल दिवस के मौके पर उन्हें याद किया जाता है और श्रद्धांजलि दी जाती है.

छत्तीसगढ़ के बस्तर के एक छोटे से गांव में पले-बढ़े गुंडाधुर ने अंग्रेजों को इस कदर परेशान किया था कि कुछ समय के लिए अंग्रेजों को गुफाओं में छिपना पड़ा था. अंग्रेजों के दांत खट्टे करने वाला ये क्रांतिकारी आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैl इतिहास के पन्नों में दर्ज शहीद गुंडाधुर का व्यक्तित्व और कृतित्व आज भी लोगों में मन में जिंदा है l       

शहीद गुंडाधुर को विद्रोहियों का सर्वमान्य नेता माना जाता है. शहीद गुंडाधुर सामान्य आदिवासी थे, जिन्होंने न तो कभी पाठशाला का मुंह देखा था और न ही बाहरी दुनिया में कदम रखा था. 35 साल की उम्र में उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ ऐसी लडाई छेड़ी कि कुछ समय तक अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे l

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