उत्तरप्रदेश में छतीसगढ़ के सीएम किसानों का जीवन बदल देने की ढींगे हॉक रहे है और छतीसगढ़ में किसान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है : भाजपा

उत्तरप्रदेश में छतीसगढ़ के सीएम किसानों का जीवन बदल देने की ढींगे हॉक रहे है और छतीसगढ़ में किसान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है : भाजपा

December 21, 2021 Off By Samdarshi News

किसानों के प्रदर्शन से छतीसगढ़ सरकार के दावों की पोल खुली : श्याम बिहारी

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

रायपुर, भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा है कि अखिल भारतीय किसान संघ का आंदोलन प्रदेश सरकार के किसान विरोधी का प्रमाण है। किसानों के नाम पर सियासी नौटंकियाँ कर रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार हर मोर्चे पर किसानों को प्रताड़ित कर रही है। श्री जायसवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार किसान संघ की मांगों को पूरा करने की दिशा में तत्काल क़ारग़र पहल करे और किसानों को परेशान करने से बाज आए।

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री जायसवाल ने कहा कि प्रदेश भाजपा लगातार प्रदेश सरकार को इस बात के लिए आगाह करती आ रही है कि वर्तमान ख़रीफ़ सत्र में हाल ही हुई बेमौसम बारिश के कारण किसान काफी परेशान हैं और खेती में उनकी लागत बेतहाशा बढ़ी है, अत: प्रदेश सरकार प्राथमिकता के आधार पर किसानों का पूरा धान अपने मापदंडों को शिथिल करके ख़रीदे, लेकिन प्रदेश सरकार के कानों पर जूँ तक नहीं रेंग रही है। श्री जायसवाल ने कहा कि ‘भूपेश जनित’ बारदाना संकट के कारण भी किसानों को काफी हलाकान होना पड़ रहा है। कहीं 25 तो कहीं 50 फ़ीसदी बारदाना लाने की शर्त के चलते 15-20 रुपए कीमत के पुराने बारदाने के लिए किसानों को दुगुनी-तिगुनी क़ीमत अदा करनी पड़ रही है। श्री जायसवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार की सनकमिजाज़ी के चलते गिरदावरी में रकबा कटौती के कारण भी कई कर्ज़दार किसान अपना धान नहीं बेच पा रहे हैं और उन्हें यह चिंता सता रही है कि वे अपना कर्ज़ कैसे चुका पाएंगे? श्री जायसवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों को शत-प्रतिशत बारदाने उपलब्ध कराए। अब तक जो किसान अपने बारदानों में धान बेच चुके हैं, उन किसानों को प्रति बारदाना 30 रुपए की दर से राशि का धान के मूल्य के साथ भुगतान किया जाए।

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री जायसवाल ने इलेक्ट्रॉनिक तराजू से धान तौल कराने की मांग करते हुए कहा कि अपरिहार्य कारणों से यदि कोई किसान अपना धान टोकन की निर्धारित तिथि पर न बेच पाए तो टोकन निरस्त करने के बजाय उसे अगली बार धान बेचने के लिए नया टोकन दिया जाए और टोकन की कुल संख्या पूर्ववत पाँच रखी जाए। श्री जायसवाल ने दो साल के बकाया बोनस के भुगतान के साथ ही मक्के की सरकारी समर्थन मूल्य पर ख़रीदी तत्काल शुरू करने की मांग की है। फसल बीमा के लिए प्रति एकड़ को इकाई मानने, रकबा सुधार की पुख़्ता व्यवस्था करने और धान ख़रीदी की समय सीमा 28 फरवरी तक बढ़ाने की मांग भी श्री जायसवाल ने की है। श्री जायसवाल ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस अपने वादे के मुताबिक़ 15 क्विंटल प्रति एकड़ धान ख़रीदी की लिमिट को ख़त्म करे और बढ़ा हुआ मंडी शुल्क वापस लेकर मंडियों में भी समर्थन मूल्य से कम पर धान ख़रीदी न हो, यह सुनिश्चित करके प्रदेश की बंद पड़ सभी मंडियों को वापस शुरू किया जाए।