राजिम पुन्नी मेला को कुंभ बनाना सनातन परंपरा और छत्तीसगढ़ संस्कृति दोनों का अपमान – सुशील आनंद शुक्ला

राजिम पुन्नी मेला को कुंभ बनाना सनातन परंपरा और छत्तीसगढ़ संस्कृति दोनों का अपमान – सुशील आनंद शुक्ला

March 5, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़, रायपुर : भाजपा सरकार द्वारा राजिम पुन्नी मेला को कुंभ बनाना सनातन परंपरा और छत्तीसगढ़ की पुरातन संस्कृति दोनो का अपमान है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सनातन धर्म और हिन्दु पुराणों परंपरा के अनुसार कुंभ केवल 4 स्थानों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में ही प्रत्येक स्थानों में 12 वर्षो में लगता है। केवल प्रयाग में हर 6 वर्ष में अर्ध कुंभ लगता, इसके अलावा कही पर भी होने वाले धार्मिक मेले को कुंभ नाम दिया जाना सनातन धर्म और हिन्दु धर्म की पौराणिक मान्यताओ का मखौल उड़ाना है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राजिम पुन्नी मेला भगवान राजिव लोचन की धर्म भूमि पैरी, सोंढुर और महानदी के संगम स्थल राजिम में 100 वर्षो से अधिक समय से लगता है। यह छत्तीसगढ़ की वैभवशाली संस्कृति का प्रतीक है। पुन्नी मेला के रूप में छत्तीसगढ़ के जनमन में इसका अपना महत्व और श्रद्धा है। अपनी राजनीति चमकाने के लिये भाजपा सरकार इसके महत्व को कम करने की कोशिश कर रही है। आखिर भाजपा को छत्तीसगढ़ की संस्कृति परंपरा तीज त्यौहार से इतनी नफरत क्यों है?

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने बीते 5 वर्षों में छत्तीसगढ़ की संस्कृति परंपरा तीज त्यौहार खान-पान बोली भाषा को देश और दुनिया में एक नई पहचान दिलाई हैं। माघी पुन्नी मेला, विश्व आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन, बोरे बासी दिवस, तीजा पोला, हरेली, कर्मा जयंती, माटी पूजन कार्यक्रम सहित अनेक कार्यक्रम का आयोजन किया जो छत्तीसगढ़ की परंपराओं से जुड़ा हुआ है। आज ऐसा लगता है कि भाजपा की सरकार अब इन सभी परंपराओं को खत्म करेगी। भाजपा के हर छत्तीसगढ़ विरोधी कृत्यों का खुलकर विरोध किया जाएगा। राज्य सरकार राजिम में परंपरा के अनुसार माघी पुन्नी मेला का आयोजन कर छत्तीसगढ़ की भावनाओं का सम्मान करें।