सखी वन स्टॉप सेंटर जशपुर द्वारा निरंतर पीड़ित एवं भटकती महिलाओं को कराया जा रहा है पुर्नवासित
March 6, 2024विगत् माह एक युवती एवं उसके डेढ़ वर्ष के बच्चे को सेंटर में दिया आश्रय, कराया गया ईलाज व देखभाल
समदर्शी न्यूज़, जशपुर : महिला एवं बाल विकास विभाग जशपुर द्वारा संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर जशपुर के द्वारा निरंतर पीड़ित एवं भटकती हुई महिलाओं को पुर्नवासित करने का कार्य किया जा रहा है।
इसी कड़ी में सखी वन स्टॉप सेंटर जशपुर में जनवरी 2024 को पुलिस द्वारा एक भटकती हुई 20-21 वर्ष की युवती को उसके डेढ़ वर्ष के बच्चे के साथ आश्रय हेतु लाया गया था। युवती अत्यंत ही गंभीर अवस्था में थी उसे अपना एवं अपने बच्चे का कोई होश नहीं था। उसे पता ही नहीं था कि वो कहां है उसका बच्चा कैसा है वह बोल पाने में भी सक्षम नहीं थी। तब सखी वन स्टॉप सेंटर जशपुर के कर्मचारी द्वारा उसकी देखभाल करके उससे धीरे-धीरे बात करके उसके असवाद को कम किया गया। पीड़िता बोल नहीं पाने के कारण अपने साथ हुए घटना को लिखकर बताने लगी, उसने बताया कि वह रामानुजगंज बलरामपुर जिले के कुसमी के आस-पास के गांव की है। जब वह लिखकर अपनी बात कहने लगी तब सखी वन स्टॉप की परामर्शदाता द्वारा उसकी काउंसलिंग की गई, उसे बताया गया कि वहां वह सुरक्षित है। उसका बच्चा कुपोषित होने के कारण सखी में बैठने वाली स्वास्थ्य सुपरवाईजर के द्वारा उसे पोषण पुर्नवास केन्द्र जशपुर में भर्ती कराया गया। जहां महिला एवं बच्चे को एक सप्ताह रखकर उसका ईलाज किया गया। सखी वन स्टॉप सेंटर के द्वारा उसके गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से संपर्क कर उसके स्कूल व आधार कार्ड राशन कार्ड इत्यादि दस्तावेज मंगाया गया एवं उसका खाता भी खुलवाया गया। जिसमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा पीड़ित को 2200 रूपये भी दिया जाएगा। पीड़िता का भी उस अस्पताल में रहते हुए इलाज किया गया, जिसके कारण धीरे-धीरे प्रयास कर अब वह बोलने लगी है। ईलाज के पश्चात वर्तमान में पीड़िता जब वापस सखी वन स्टॉप सेंटर आई तो उसे अपने भविष्य की चिंता थी। इसलिए वह अपने पूरे होश में यह लिखकर दी की वह अपने बच्चे को दत्तक ग्रहण में दे देगी क्योंकि वह उसे अच्छा भविष्य देना चाहती थी। इसलिए उसकी पूर्ण सहमति लेकर उसके बच्चे को दत्तक ग्रहण एजेंसी में पूरी प्रक्रिया को पूर्ण करके दिया गया है। अब पीड़ित महिला के पुर्नवास हेतु सखी वन स्टॉप सेंटर निरंतर प्रयासरत् है।