मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल में मुनाफाखोरी कर रही – कांग्रेस
December 22, 2021समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,
रायपुर, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के द्वारा राज्यसभा में दिये गये जवाब से मोदी सरकार की पेट्रोल-डीजल में मुनाफाखोरी की मंशा स्पष्ट हो गई है। वन नेशन वन टैक्स का राग अलापने वाली मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के पक्ष में नहीं है। न ही जीएसटी काउंसिल के द्वारा भी पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए किसी भी प्रकार का प्रस्ताव बनाया गया। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं को आईना दिखाया है जो राज्य सरकार को पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के विरोधी बताने में तुले हुए थे। सच्चाई यह है कि मोदी भाजपा की सरकार ही पेट्रोल-डीजल में जीएसटी के खिलाफत में है। बल्कि मोदी भाजपा की सरकार ने तो यूपीए सरकार के समय पेट्रोल-डीजल मे लगने वाले 9.48 पैसा एवं 3.56 पैसा एक्साइज ड्यूटी में मनमानी बढ़ोतरी कर 35 रु एवं 32 रु साथ ही 5 रु का सेस लगाकर महंगा किया है। जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार क्रूड आयल की कीमत यूपीए सरकार के दौरान से सबसे निम्न स्तर पर है। डीजल के दामों में हुई बेतहाशा वृद्धि के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है और इसका दुष्प्रभाव सभी सेक्टरों में दिख रहा है। खाद्य सामग्री के दाम आसमान छू रहे हैं, ट्रांसपोर्टिंग व्यवसाय चौपट हो रही है, उद्योग एवं कृषि क्षेत्र में लागत मूल्य बढ़ रही है, मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल में मनमाना एक्साइज ड्यूटी एवं सेस लगाकर आमजनता के जेब मे डांका डाल रही है। मोदी सरकार बीते 7 साल में आम जनता के जेब से पेट्रोल-डीजल के माध्यम से लगभग 28 लाख करोड़ रुपए की राशि निकालने का काम की है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने मोदी निर्मित पेट्रोल-डीजल के बढ़े कीमतों से आम जनता को राहत दिलाने राज्य में लगने वाले वेट की दरों में कमी की है। जिससे राज्य के पेट्रोल-डीजल उपभोक्ताओं के जेब में 1000 करोड़ रू. की बचत होगी।