नारायणपुर जिले की घटना से छत्तीसगढ़ महतारी की आंखें शर्म से झुक गई, बच्चियों और महिलाओं पर बढ़ते अपराध रोकने में भाजपा सरकार नाकाम – वंदना राजपूत

नारायणपुर जिले की घटना से छत्तीसगढ़ महतारी की आंखें शर्म से झुक गई, बच्चियों और महिलाओं पर बढ़ते अपराध रोकने में भाजपा सरकार नाकाम – वंदना राजपूत

March 15, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़, रायपुर : प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन की सरकार में बच्चियों के साथ हो रहे अपराध को रोकने में बीजेपी सरकार नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि बच्चियों और महिलाओं के साथ अत्याचार, अनाचार की बढ़ती घटना ने भाजपा की सरकार की कलाई खोल दी है। नारायणपुर जिले की हृदय विदारक घटना से छत्तीसगढ़ महतारी के शर्म से आंखें झुक गई है। नाबालिक 8 आदिवासी बच्चियों के साथ विद्या के मंदिर में शारीरिक और मानसिक शोषण हो रहा था जिसकी जानकारी प्रशासन को भी रहने के बावजूद हाथ में हाथ लिए तमाशा देख रहे थे और पीड़ित परिवार को ही माफीनामा लिखवाने में लगे हुए थे। माता-पिता अपने बच्चों को लेकर के चिंतित, भयभीत है। शासन प्रशासन के उदासीनता के कारण आरोपी के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं। बेटी बचाओ के नारा लगाने वाले अपने आंखें खोल कर देखो भाजपा की सरकार में नाबालिक बच्चियों के साथ अत्याचार, अनाचार और बलात्कार जैसी घटनाएं लगातार बढ़ रही है। आज  बच्चियां स्कूल जाने के नाम से डर रही है ऐसे में कैसे बेटी को बचाएंगे और बेटी को पढ़ाएंगे।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि डबल इंजन वाली भाजपा की सरकार में अपराधियों के हौसले बुलंद है और महिलाओं के ऊपर अत्याचार, अनाचार बढ़ रही है। राजिम में एक 10 वर्षीय नाबालिक बच्ची के साथ, इसी हफ्ते बालोद जिले में 2 वर्षीय बच्ची के साथ, अंबिकापुर जिले में नाबालिक बच्ची के साथ बलात्कार की घटना घटती है। दुर्ग में एक नाबालिक बच्ची को दिनदहाड़े जान से मारने के लिए धारदार हथियार से वार किया जाता है। अनेक ऐसी घटनाएं घटती है। बहुत सारी  घटनाओं का तो थाने में अपराध दर्ज भी नहीं किया जा रहा है। डबल इंजन के सरकार में अंकुश लगाने में नहीं बल्कि घटनाओं प्रतिक्रियाओं को रोकने और दबाने में लगी रहती है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि भाजपा के महिला नेत्रियां क्या अवसरवादी राजनीति करती है? नारायणपुर जिले की घटना में एक भी भाजपा नेत्रियां जाकर के उस पीड़ित परिवार से क्यों नहीं मिलती है? प्रदेश के मुखिया आदिवासी है लेकिन हमारे आदिवासी बच्चियां सुरक्षित नहीं है क्यों?