निष्कासित और निलंबित नेताओं को वापस कांग्रेस में लिया जाना छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की दयनीय दशा का परिचायक : जगदीश रोहरा
March 18, 2024प्रदेश महामंत्री रोहरा ने कहा : हालात आईने की तरह कांग्रेस में चहुँओर हताशा का आलम साफ बयान कर रहे हैं, लोकसभा के लिए कांग्रेस को प्रत्याशी तक के लाले पड़े हुए हैं
समदर्शी न्यूज़, रायपुर : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री जगदीश (रामू) रोहरा ने कहा है कि कांग्रेस से 6 वर्षों के लिए निष्कासित और निलंबित नेताओं को वापस कांग्रेस में लिया जाना छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की दयनीय दशा का परिचायक है। श्री रोहरा ने कटाक्ष किया कि कांग्रेस भवन पर ताला पड़ते और समूची प्रदेश कांग्रेस में भगदड़ मचते देख कांग्रेस नेतृत्व हाथ-पैर जोड़कर उन्हीं नोताओं को वापस पार्टी में लाने को विवश हुआ है, जिन्हें विधानसभा चुनाव के दौरान और नतीजों की घोषणा के बाद अनुशासनहीनता के आरोप जड़कर कांग्रेस से निष्कासित व निलंबित किया गया था।
भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री रोहरा ने कहा कि कांग्रेस में टिकटों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाने के बाद कांग्रेस ने अपने पूर्व विधायक विनय जायसवाल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था और बिलासपुर के रामशरण यादव को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निलंबित किया गया था। आज कांग्रेस के हालात इतने दयनीय हो गए हैं कि अब उन्हें वापस उन्हीं नेताओं को आनन-फानन वापस कांग्रेस में लेना पड़ा है। ये तो अभी ट्रेलर है, आगे-आगे देखिए होता है क्या? श्री रोहरा ने कहा कि ये हालात आईने की तरह साफ बयान कर रहे हैं कि कांग्रेस में चहुँओर हताशा का आलम है, लोकसभा के लिए कांग्रेस को प्रत्याशी तक के लाले पड़े हुए हैं। आपसी सिर-फुटौव्वल के हालात से जूझती कांग्रेस के नेता समय पूर्व लोकसभा के लिए अपने प्रत्याशी घोषित कर देने की डींगें तो खूब हाँक रहे थे, लेकिन सियासी दाँव-पेंचों ने कांग्रेस के हालात इतने दयनीय कर दिए हैं कि चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद भी स्क्रीनिंग कमेटी अभी तक पैनल के नामों में से कोई एक सिंगल नाम तय करने में ही उलझी है।
भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री रोहरा ने कहा कि जिस तरह की सिर-फुटौव्वल कांग्रेस में चल रही है, उसे महज मतभेद बताकर कांग्रेस नेता शुतुरमुर्ग की तरह सच्चाई से मुँह छिपा रहे हैं। विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस में चहुँओर हाहाकार पसरा हुआ है। जिन लोगों को विधानसभा चुनाव में अपनी हार की समीक्षा करके उससे सबक लेना था, वे कांग्रेसी आपसी जूतमपैजार में लगे हैं। अब इस बात में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस चला-चली की बेला में है। पतझड़ की तरह कांग्रेस रूपी वृक्ष को उनके नेता और कार्यकर्ता पार्टी को छोड़कर उसे ठूंठ में बदलने का काम कर रहे हैं। कांग्रेस के लोग लाख दावे कर लें कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में बेहतर प्रदर्शन करेगी, पर कांग्रेस के अंदरखाने का यह सच वे लोग भी भली-भाँति जानते हैं कि छत्तीसगढ़ की जनता अब पूरी तरह भाजपा के साथ खड़ी है और कांग्रेस अपने बचे-खुचे राजनीतिक वजूद को वेंटीलेटर पर जाने से नहीं रोक पाएगी।