ईडी और भाजपा ने मिलकर भूपेश बघेल की छवि खराब करने षड्यंत्र किया : भाजपा, ईडी, महादेव ऐप के कर्ताधर्ताओं के बीच क्या संबंध है – दीपक बैज

ईडी और भाजपा ने मिलकर भूपेश बघेल की छवि खराब करने षड्यंत्र किया : भाजपा, ईडी, महादेव ऐप के कर्ताधर्ताओं के बीच क्या संबंध है – दीपक बैज

March 19, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़, रायपुर : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ ईडी के पत्र के आधार पर ईओडब्लू के द्वारा लिखी गई एफआईआर पर कांग्रेस ने सवाल खड़ा किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा ईडी की जांच और ईओडब्लू के एफआईआर में राजनैतिक षडयंत्र साफ दिख रहा है :-

लोकसभा चुनाव के पहले ही यह एफआईआर क्यों दर्ज की गई? ईडी की सारी कार्यवाहियों की टाइमिंग भाजपा के राजनैतिक लाभ पहुंचाने वाली ही क्यों होती है?

ईओडब्लू बताये :-

1. केन्द्र सरकार महादेव ऐप पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगा रही?

2. पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ दर्ज किये गये एफआईआर का आधार क्या है?

3. जिस असीम दास से ईडी ने रुपये बरामद किया था उसके पास रुपये कहां से आया? ईडी ने उसकी जांच क्यों नहीं किया।

4. असीम दास की फोटो भाजपा नेताओं के साथ आई है तो ईडी ईओडब्लू ने उन दोनो का नाम एफआईआर में क्यों दर्ज नहीं किया।

5. शुभम सोनी की विडियो बाईट भाजपा ने जारी किया था। शुभम सोनी के भाजपा से क्या संबंध है। ईडी ने इसकी जांच क्यों नहीं किया?

6. सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल के फोटो भाजपा नेताओं के साथ भी सार्वजनिक है उन दोनो में पूछताछ क्यों नहीं की गई?

7. शुभम सोनी सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल को ईडी गिरफ्तार कर के दुबई से वापस क्यों नहीं ला रही है?

8. ईडी ने ईओडब्लू को इस मामले जो पत्र लिखा था उसमें कुछ आईपीएस एवं अन्य अधिकारियों के भी नाम है ईओडब्लू ने उन अधिकारियो के नाम एफआईआर में क्यों छोड़ा?

9. असीम दास की गिरफ्तारी के समय जिस इनोवा गाड़ी से रूपये जप्त हुये थे उसके मालिक भाजपा विधायक अमर अग्रवाल के भाई के है। उनसे ईडी ने कब पूछताछ किया है?

10. शुभम सोनी के जब दुबई में काउंसलर के समक्ष बयान देने गया था तब उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?

असीम दास के तथा कथित बयान के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री पर मुकदमा दर्ज किया गया उस बयान का असीम दास ने अदालत में खंडन भी किया तथा कहा कि वह बयान ईडी के दबाव में दिया था। उसके बाद भी भूपेश बघेल पर मुकदमा दर्ज किया गया। उसी असीम दास के साथ संबंधों के आधार पर भाजपा नेताओं से पूछताछ भी नहीं किया गया यह ईडी के षड्यंत्रों को बताने के लिये पर्याप्त हैं।