3 माह में ही साय सरकार ने 16000 करोड़ का कर्ज लिया, साय सरकार ने 13000 करोड़ कर्ज लेने के बाद फिर 3000 करोड़ का कर्ज  लिया – सुशील आनंद शुक्ला

3 माह में ही साय सरकार ने 16000 करोड़ का कर्ज लिया, साय सरकार ने 13000 करोड़ कर्ज लेने के बाद फिर 3000 करोड़ का कर्ज  लिया – सुशील आनंद शुक्ला

April 2, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़, रायपुर : साय सरकार ने तीन माह में 16000 करोड़ का कर्ज ले लिया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 13000 करोड़ शुरूआत में कर्ज लेने वाली साय सरकार ने रिजर्व बैंक से फिर 3000 करोड़ का नया कर्ज ले लिया है सरकार चलाने वालों को तीन माह में ही पसीना निकल गया। तथा सरकार का आर्थिक प्रबंधन गड़बड़ा गया है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 5 सालों में जनता के खाते में सीधे 2 लाख करोड़ डाला था। वर्तमान सरकार ने बेरोजगारी, गोबर खरीदी, गोठान संचालन, युवा मितान क्लब सभी कुछ बंद कर दिया उसके बाद सरकार कर्ज पर कर्ज लिये जा रही है। गाईड लाईन के दरे में 30 प्रतिशत छूट घटा दिया, शराब की कीमत बढ़ा दिया, जीएसटी में जबरिया वसूली हो रही फिर भी सरकार का खजाना खाली हो गया है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने पांच सालों में राज्य की जनता के ऊपर एक रू. भी अतिरिक्त कर्ज का बोझ नहीं डाला था। बिजली बिल आधा ही आता था, संपत्तिकर में एक रू. की भी बढ़ोत्तरी नहीं की गयी थी, डीजल पेट्रोल के वेट में कटौती की गयी थी। जमीनो के गाईड लाईन में पूरे पांच सालों तक एक रू. की भी बढ़ोत्तरी नहीं की गयी थी। इतनी राहतो के बावजूद कांग्रेस सरकार से जनकल्याणकारी योजनाओं को प्राथमिकता में रखा। गोधन न्याय योजना के माध्यम से लगातार लोगो की सहायता की गयी। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ की आर्थिक स्थिति मजबूत रही।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार ने छत्तीसगढ़ में वित्तीय अनुशासन और कुशल प्रबंधन का कीर्तिमान स्थापित किया था। अर्थव्यवस्था के तीनों सेक्टर कृषि, सेवा और उत्पादन के क्षेत्र में कांग्रेस सरकार के दौरान 2018 से 23 तक छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से बेहतर रहा है। छत्तीसगढ़ विगत 3 वर्षों से कोई भी नया कर्ज़ नहीं लेने वाले देश के 4 राज्यों में अग्रणी राज्य रहा है। भूपेश सरकार में किसी भी तरह से ना कोई नया कर लादा गया और न ही किसी भी तरह से पूर्व से लगाए गए करो में कोई वृद्धि की गई, बल्कि सब्सिडी, राहत और रियायत लगातार छत्तीसगढ़ की जनता को मिलते रहा। पूर्ववर्ती भूपेश सरकार के द्वारा 31 मार्च 2024 तक किए गए बजट प्रावधान के तहत दिए जाने वाला बेरोजगारी भत्ता नवंबर से बंद है, किसान न्याय योजना की चौथी किस्त भी भारतीय जनता पार्टी के नेता हजम कर गये। भाजपा के घोषणा और मोदी की गारंटी का तो अता-पता नहीं बल्कि उल्टे पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार द्वारा प्रावधान की गई राशि भी दुर्भावना पूर्वक हड़प लिए। छत्तीसगढ़ उत्पादक राज्य है, स्टील और सीमेंट के अग्रणी उत्पादक होने के साथ ही तमाम तरह के मिनरल्स है। कोयला, आयरनओर, बॉक्साइट और टीन जैसे बहुमूल्य खनिज संपदा प्रचुर मात्रा में है। कमी प्रदेश में संसाधनों की नहीं बल्कि भाजपा के नेताओं के नियत में ही खोट है। असलियत यह है कि वित्तीय संकट बताकर वादाखिलाफी के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं भाजपाई।