मानव तस्करी गैंग का भंडाफोड़ : जशपुर पुलिस की सक्रियता से तीन नाबालिग बच्चे मानव तस्करी का शिकार होने से बचे, प्रकरण में एक आरोपिया गिरफ्तार, भेजा गया न्यायिक अभिरक्षा में, अन्य फरार आरोपियों की पतासाजी जारी.
April 20, 2024बच्चों की निकट महिला रिश्तेदार ने उक्त नाबालिग बच्चों को बड़े सब्जबाग दिखाकर, बहला-फुसलाकर योजनाबद्ध तरीके से वारदात को दिया था अंजाम.
आरोपियों के विरूद्ध थाना तपकरा में अपराध क्रमांक 39/2024 धारा 363, 365, 366(क), 368, 120(बी), 370 भादवि दर्ज.
आरोपिया से नगदी 10 हजार रूपये, स्कूटी वाहन एवं 01 नग मोबाईल किया गया जप्त.
समदर्शी न्यूज़ – कुनकुरी : पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार प्रकरण का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि 65 वर्षीय प्रार्थी ने दिनांक 18 अप्रैल 2024 को अपने क्षेत्रीय थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसके नाती का करीब 07-08 वर्ष पूर्व एक्सीडेंट होने से मृत्यू हो गई एवं नाती की पत्नी ने अपने पति के देहांत होने के बाद दूसरी जगह शादी कर घर बसा ली। प्रार्थी के नाती के 03 बच्चे हैं, सबसे बड़ी लड़की उम्र 14 साल, मंझली लड़की 12 साल एवं सबसे छोटा लड़का जो 10 साल का है। बड़ी लड़की कक्षा 6वीं तक पढ़ाई करके पढ़ाई छोड़ दी है। उक्त तीनों बच्चे प्रार्थी के बड़े भाई जो जन्म से अपाहिज है उन्हीं के घर में रहते हैं, प्रार्थी एवं परिवार के लोग बीच-बीच में जाकर बच्चों को देख-रेख करते हैं। दिनांक 12 अप्रैल 2024 को शाम लगभग 04:00 बजे प्रार्थी बकरी चराकर वापस अपने घर में आया, तो उसकी बहू ने उसे बताया कि उसके तीनों पड़पोते-पोती घर में बिना किसी को बताये कहीं चले गये हैं, प्रार्थी द्वारा बच्चों की पतासाजी के दौरान उसे गांव के लोगों से पता चला कि तीनों बच्चों को उनके निकट रिश्तेदार के साथ स्कूटी में बैठकर जाते देखा गया है। प्रार्थी द्वारा निकट रिश्तेदार हैं, यह सोचकर वह उसी समय उसे फोन नहीं किया। प्रार्थी तीन दिन बाद रिश्तेदार को फोन करके बच्चों के संबंध में पूछा तो वह बोली – बच्चों को नहीं जानती हूं, मेरे पास नहीं हैं बताई। प्रार्थी की उक्त रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
प्रकरण की अत्यंत संवेदनशीलता को देखते हुये पुलिस अधीक्षक जशपुर श्री शशि मोहन सिंह (IPS) ने एसडीओपी बगीचा श्रीमती निमिषा पाण्डेय के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर उक्त गुम बच्चों की पतासाजी हेतु लगाया गया। जिसकी मॉनीटरींग स्वयं पुलिस अधीक्षक जशपुर द्वारा की गई। टीम द्वारा उक्त तीनों बच्चों को सकुशल बरामद कर संबंधित थाना लाया गया
पूछताछ में बच्चियों ने बताया कि घटना दिनांक के दो दिन पूर्व उनकी रिश्तेदार उनके घर में आई थी और बोली थी कि मेरे साथ चलो, तो वह प्रार्थी को बिना सूचित किये उक्त दोनों बच्चियों को अपने साथ लेकर अपने घर आई। दो दिन तक अपने साथ रखी फिर दिनांक 12 अप्रैल 2024 को उसने अपने स्कूटी वाहन से दोनों बहनों को उनके घर तपकरा क्षेत्र स्थित घर में लेकर आई और बोली कि – ‘तुम्हारे पिताजी का पैसा निकलेगा, तुम लोग साथ में रहोगे तब मिलेगा, तुम लोग बाहर जाकर काम करोगे तो उसका भी पैसा मिलेगा और तुम लोगों का अमीर घर में विवाह करा दूंगी, जिंदगी अच्छे से कटेगा, तुम्हारे भाई को भी ले जायेंगे’ कह कर चुपचाप चलना है, किसी को नहीं बताना है, कहते हुये अपनी बातों में लेकर तीनों भाई-बहन को स्कूटी वाहन में बैठाकर तपकरा आई और उन्हें बोली कि बस से कुनकुरी बस स्टैंड जाना, फिर वहां से दूसरा बस पकड़ कर कांसाबेल जाना है, मैं भी आती हूं।
कांसाबेल बस स्टैंड में उसकी सहेली मिलेगी, कहकर वह बस किराये के लिये 500/- रूपये दी। फिर वह एक बस में बैठाई एवं कुनकुरी में बस बदलकर कांसाबेल पहुंचने पर उनकी रिश्तेदार एवं उसके साथी मिले। रिश्तेदार की साथी उन्हें पुनः बस में बैठा कर अम्बिकापुर ले गई, उसके बाद रेल्वे स्टेशन अंबिकापुर में ले जाकर अब मेरे साथ रहना है, कहते हुये ट्रेन के माध्यम से अनूपपुर होते हुये अपने घर छतरपुर (मध्य प्रदेश) ले गई। रिश्तेदार की साथियों ने दोनों बहनों को कहा कि – तुम लोग दिल्ली जाकर काम करना, अच्छा पैसा मिलेगा, तुम लोगों का शादी भी कराना है, तुम्हारा भाई हम लोगों के पास रहेगा, वे लोग तीनों भाई-बहन को 3-4 दिन अपने पास बंधक बनाकर रखे थे, किसी से बातचीत नहीं करने देते थे। इसी दौरान एक दिन उनके पास एक लड़का को शादी करने के लिये बुलाये, बच्ची द्वारा शादी करने से मना करने पर वह वहां से चला गया।
इसी दौरान उन्हें पुलिस की सक्रियता के संबंध में जानकारी मिली एवं दबाव पड़ने पर वह अंबिकापुर तक उन बच्चों को छोड़ दिए। जशपुर जिले के एक गांव में निवासरत उक्त रिश्तेदार आरोपिया को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करने पर बताई कि वह योजनाबद्ध तरीके से उक्त तीनों बच्चों को बहला-फुसलाकर अपने साथ घर में बिना किसी को बताये ले गई एवं दोनों बच्चियों को शादी करा दूंगी कहकर अपने साथियों को सौंप दी थी। रिश्तेदार ने बच्चियों की शादी कराने के लिये तीन लाख में सौदा कर ली थी, जिसका एडवांस वह 20 हजार रूपये ले चुकी थी। जिसमें से 10 हजार रूपये खर्च हो गये एवं शेष नगदी 10 हजार रूपये, स्कूटी वाहन एवं 01 नग मोबाईल को पुलिस द्वारा जप्त किया गया है। आरोपी उम्र 35 साल का कृत्य उक्त धारा सदर का अपराध पाये जाने पर उसे गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।
प्रकरण की विवेचना कार्यवाही, बच्चों की बरामदगी एवं आरोपिया की गिरफ्तारी में एसडीओपी बगीचा श्रीमती निमिषा पाण्डेय, थाना प्रभारी तपकरा उपनिरीक्षक सुनील सिंह, सहायक उपनिरीक्षक प्रेमिका कुजूर, सहायक उपनिरीक्षक अनिल कामरे, सहायक उपनिरीक्षक सामुदान टोप्पो, महिला आरक्षक 633 मंजू यादव, आरक्षक शिवपूजन साय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
पुलिस अधीक्षक जशपुर श्री शशि मोहन सिंह (IPS) ने कहा है कि – “मामले में 01 आरोपी गिरफ्तार है, अन्य फरार आरोपियों की अतिशीघ्र गिरफ्तारी होगी, मामले में और बड़े खुलासे होने की संभावनाएं हैं।”