मना करने के उपरांत भी देर रात में घर से बाहर घूम रही पत्नी की हत्या करने वाले आरोपी पति को पुलिस ने किया गिरफ्तार, की कार्यवाही.
April 23, 2024धारा 302 भादवि के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध कर चौकी रेवटी पुलिस कर रही थी जांच, अपराध स्वीकार करने के बाद आरोपी के निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त डण्डा व वस्त्र जप्त कर प्रकरण में पृथक से धारा 201 भादवि जोड़ी गई.
समदर्शी न्यूज़ – सूरजपुर : प्रकरण के संबंध में पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार दिनांक 22 अप्रैल 2024 को ग्राम बाजरा, चौकी वाड्रफनगर निवासी राजेश गोंड़ ने चौकी रेवटी में सूचना दी थी कि आज सुबह मोबाईल के माध्यम से जानकारी मिली थी कि ग्राम पहाड़ करवा में भतीजी यशोदा की मृत्यु हो गई है। सूचना पर यह वहां पहुंचा तो देखा कि यशोदा के सिर में चोट लगने से खून निकला हुआ है, उसके पति रामचंद्र से पूछने पर घर के बाहर गिरने से सर में पीछे चोट लगने से मृत्यु होना तथा किसी व्यक्ति के द्वारा मारपीट करने से चोट लगने से मृत्यु होने का शंका जाहिर किया। सूचना पर मर्ग कायमी उपरान्त धारा 302 भादवि के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया गया।
मामले की सूचना पर उप पुलिस महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री एम.आर.आहिरे (भा.पु.से.) ने प्रकरण की बारीकी से विवेचना करते हुए आरोपी की पतासाजी कर जल्द पकड़ने के निर्देश दिए। चौकी रेवटी पुलिस ने विवेचना के दौरान संदेह के आधार पर मृतिका के पति रामचंद्र को पकड़ा और पूछताछ की, पूछताछ पर वह जुर्म स्वीकार कर बताया कि दिनांक 21 अप्रैल 2024 के रात्रि में 12:00 बजे घर के बाहर में मना करने के बावजूद पत्नी यशोदा घूम रही थी। जिस कारण से गुस्से में बांस के डंडा से सिर में मारकर हत्या कर दिया। सिर से खून निकलकर यशोदा के वस्त्र में लगने पर उसे निकालकर दूसरा वस्त्र पहना दिया और शव को घर के अंदर कमरे में ले जाकर लिटा दिया और लोगों के द्वारा पूछने पर यशोदा को गिरने से सिर में चोट लगने से मृत्यु होना बताया। आरोपी के निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त डण्डा व वस्त्र जप्त कर पृथक से धारा 201 भादवि जोड़ी गई। आरोपी रामचंद्र गोंड पिता दुहन गोंड उम्र 28 वर्ष ग्राम पहाड़ करवा चौकी रेवटी थाना चंदौरा को गिरफ्तार किया गया।
इस प्रकरण की कार्यवाही में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो व एसडीओपी प्रतापपुर अरूण नेताम के मार्गदर्शन में चौकी प्रभारी रेवटी सुमंत पांडेय, एएसआई ज्ञानचंद सिंह, प्रधान आरक्षक शिव राजवाड़े, आरक्षक निर्मल राजवाड़े, आरक्षक बलिन्दर खलखो व आरक्षक अनिल कुमार सक्रिय रहे।