सहकर्मियों से सहयोग नहीं मिल पाना है बढ़ते तनाव का कारण, कार्यस्थल पर तनाव कम करने के लिये आयोजित हुई कार्यशाला

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

नारायणपुर. वर्तमान समय मे तनाव हर व्यक्ति से जुड़ा अभिन्न हिस्सा बन चुका है। यह तनाव हमेशा बुरा भी नहीं होता। ऐसे तनाव जो हमें अपने जीवन मे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें वह सही है, लेकिन जब तनाव अधिक मात्रा और लम्बे समय के लिए हो तो फिर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो जाता है। प्रायः कार्य स्थल पर काम के बढ़ते दबाव, और व्यक्तिगत समस्याओं से तनाव की स्थिति उत्पन्न होने लगती है जिस पर नियंत्रण पाना जरूरी हो जाता है। इसी उद्देश्य के तहत जिला पंचायत के सभा कक्ष में पोस्ट ऑफिस के 30 से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों  के लिए कार्यस्थल पर तनाव प्रबंधन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान उपस्थित कर्मचारियों को मानसिक बीमारियों के प्रकार, कारण, लक्षण एवं उपचार के बारे में जानकारी दी गई।

मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ.प्रशांत गिरी ने तनाव के विषय पर जानकारी देते हुए बताया, तनाव या डिप्रेशन एक प्रकार का मानसिक विकार है। किसी भी एक नकारात्मक विचार के दिमाग़ पर हावी हो जाने के बाद हमारी मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में हमारा मस्तिष्क सही से कार्य करने और किसी भी ख़ुशी के मौक़े पर प्रसन्न होने में अक्षम हो जाता है, ऐसी स्थिति को तनाव की स्थिति कहा जा सकता है। ऐसे में कर्मचारियों को कार्यस्थल पर अपना कार्य सुचारू रूप से करने और कार्यक्षेत्र में उत्पन्न होने वाले तनाव को टालने का प्रयास करना चाहिए। क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट प्रीति चांडक ने तनाव प्रबन्धन पर जानकारी देते हुए बताया कि बहुत अधिक तनाव हानिकारक होता है, यह स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसलिये अपना कार्य प्राथमिकता के अनुसार करें। साथ ही कार्य को तय समय-सीमा पर करने का प्रयास करें इससे न केवल तनाव कम होगा।बल्कि कार्यस्थल पर आपके कार्य करने की उत्पादकता, रचनात्मकता बढ़ जाएगी। उन्होंने बताया, कार्यस्थल पर बढ़ते तनाव के कारणों को कम करना जरूरी है, एक ही समय में एक से अधिक काम, टीम वर्क में तालमेल नहीं होने, सहकर्मियों से सहयोग नहीं मिल पाना, तय समय पर कार्य पूरा न हो पाना, घर और ऑफिस में संतुलन बनाए रखने का तनाव, आदि के कारण कार्यक्षमता में कमी आती है। काम और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन नहीं हो पाता, जिससे व्यक्ति मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से तनाव का शिकार हो जाता है। ऐसे में नियमित व्यायाम, टाइम मैनेजमेंट टेक्निक, प्रॉब्लम सॉल्विंग टेक्निक, मेडिटेशन ,रिलैक्सेशन, ब्रीदिंग एक्सरसाइज इत्यादि से हम अपने बढ़ते तनाव को नियंत्रित कर सकते हैं। मानसिक अस्वस्थता की स्थिति हो तो घबराएं नही, जिला अस्पताल में स्पर्श क्लीनिक के माध्यम से मानसिक रोगियों को निःशुल्क परामर्श व उपचार दिया जाता है। इसके अतिरिक्त मेंटल हेल्थ काउंसलिंग हेल्पलाइन नम्बर 79742-40256 पर भी सम्पर्क किया जा सकता है।

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