दुर्भाग्यजनक मंत्री नक्सल हत्या को भाजपा-कांग्रेस पर तौल रहे, भाजपा सरकार नक्सल नीति पर मति भ्रम की शिकार – सुशील आनंद शुक्ला

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समदर्शी न्यूज़, रायपुर : मंत्री रामविचार नेताम के नक्सलवाद को लेकर दिये गये बयान की कांग्रेस ने कड़ी निंदा किया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि वरिष्ठ मंत्री का यह कहना कि नक्सली भाजपा नेता को मारते है कांग्रेस के क्यों नही? बेहद आपत्तिजनक बयान है। कांग्रेस से ज्यादा नक्सलवाद का देश कौन झेला है। झीरम में कांग्रेस के 31 नेताओं की हत्या हुई थी। भाजपा सरकार बनने के बाद चार कांग्रेस नेताओं की हत्या हुई है। प्रदेश सरकार का मंत्री नक्सल हत्याओं को कांग्रेस भाजपा की तराजू पर तौल रहे है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बस्तर में लगातार हो रही नक्सल हत्या के लिये भाजपा की विष्णुदेव सरकार की अकर्मण्यता और अनिर्णय वाली नीति जवाबदार है। राज्य में जब से भाजपा की सरकार बनी है नक्सली गतिविधियां बढ़ गयी है। सरकार तय नहीं कर पा रही कि नक्सल मामले में उसे क्या करना है, इसी कारण नक्सली गतिविधियां बढ़ गयी है। सरकार के अनिर्णय वाले स्थिति का खमियाजा बस्तर के लोगो को भुगतना पड़ रहा है। आदिवासी एक बार फिर सुरक्षाबलों नक्सलवाद के दो पाटो में पिस रहे है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने नक्सलवाद पर एक ठोस नीति बनाया था विश्वास, विकास, सुरक्षा के मूल मंत्र को लेकर कांग्रेस सरकार आगे बढ़ी थी जिसके सकारात्मक परिणाम आये और राज्य में नक्सली गतिविधियों में 80 प्रतिशत तक की कमी आई थी तथा रमन राज में नक्सलवाद 15 जिलों तक पहुंच गया था। कांग्रेस सरकार के 5 सालों में बस्तर के सूदुर क्षेत्रों तक सिमट गया था। वर्तमान भाजपा सरकार के अनिर्णय के कारण राज्य में एक बार फिर नक्सली गतिविधियां बढ़ गई है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय सरकार बनने के बाद से लगभग हर दूसरे दिन नक्सली घटनाएं हो रही है। साय सरकार की अकर्मण्यता के चलते ही विगत पांच महीनो के भीतरी ही 60 से अधिक घटनाओं को नक्सलियों ने अंजाम दिया है। भाजपा सरकार की नाकामी का खामियाजा भोले भाले आदिवासी जनता भुगत रही है। जिस तरह से पूर्ववर्ती भाजपा की सरकार के 2003 से 2818 के 15 वर्षों में 1500 से अधिक स्थनीय आदिवासी, नक्सली घटनाओं में मारे गए, हजार से अधिक सुरक्षा बल के जवान शहीद हुए थे और हजारों फर्जी प्रकरण बनाकर निर्दोष आदिवासियों को जेल में बंद किया गया था। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आते ही अब एक बार फिर वही दौर आ गया है। 2 बच्चो की विस्फोट से मौत हो गयी। विगत दिनों बस्तर में 6 माह की बच्ची की हत्या हुई थीं जिसे क्रॉस फायरिंग में मौत बताया गया, विगत पांच महीनों में फर्जी मुड़भेड़ को लेकर लगातार आरोप लग रहे हैं।

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