असामयिक वर्षा और ओलावृष्टि से फसलों और घरों को हुई क्षति का करें त्वरित आंकलन: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

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मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों को दिए निर्देश, संग्रहण केन्द्रों में धान को बचाने के लिए कैप कव्हर लगाए जाएं: जल निकासी की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए

सभी जिलों में बढ़ाई जाए कोविड टेस्टिंग, किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने अस्पतालों में सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित की जाएं

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,    

रायपुर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में असामयिक वर्षा और ओलावृष्टि से फसलों और घरों को हुई क्षति का त्वरित आंकलन करने के निर्देश सभी जिला कलेक्टरों को दिए हैं। उन्होंने कहा है कि प्रभावित लोगों को राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत तत्काल आवश्यक सहायता उपलब्ध करायी जाए। श्री बघेल ने जिला कलेक्टरों को वर्षा और ओला वृष्टि से संग्रहण केन्द्रों में रखे धान को बचाने के लिए केप कव्हर लगाने और पानी निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने ओमिक्रान और कोविड संक्रमण से बचाव के लिए जिला कलेक्टरों को सभी ऐहतियाती उपाय अपनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी जिलों में कोविड टेस्टिंग बढ़ाने तथा अस्पतालों में किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए और संक्रमण की स्थिति पर नजर रखने के लिए प्रशासन और स्वास्थ्य अमले को सतर्क किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कोरोना से बचाव के लिए 3 जनवरी से प्रदेश में प्रारंभ हो रहे 15 से 18 वर्ष के किशोर-किशोरियों के टीकाकरण और 10 जनवरी से स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और गंभीर बीमारियों से पीड़ित 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को कोरोना वैक्सीन की तीसरी खुराक (प्रीकॉशन डोज) देने के अभियान के संबंध में लोगों को जागरुक करने और टीकाकरण के इस अभियान के लिए निर्धारित टीकाकरण केन्द्रों की जानकारी के प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए हैं। श्री बघेल ने जिला प्रशासन को यह निर्देश भी दिए हैं कि जिन लोगों ने अब तक कोरोना वैक्सीन की प्रथम और द्वितीय डोज नहीं लगवायी है, उनका टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए।

उल्लेखनीय है कि 15 से 18 वर्ष के किशोर-किशोरियों के टीकाकरण के लिए एक जनवरी से कोविन एप पर पंजीयन शुरु होगा। इसी तरह कोरोना वैक्सीन की तीसरी खुराक (प्रीकॉशन डोज) ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और गंभीर बीमारियों से पीड़ित 60 वर्ष से अधिक के लोगों को 10 जनवरी से दी जाएगी, जिन्हें दूसरी खुराक लिए नौ महीने या 39 सप्ताह पूरे हो चुके हैं।

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