निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार सम्बन्धी समीक्षा बैठक सम्पन्न, आरटीई के तहत दाखिला दिए बच्चों का स्कूलों में न हो भेदभाव – कलेक्टर
May 21, 2024ड्राप आउट बच्चों की जानकारी के लिए होगी साप्ताहिक समीक्षा
समदर्शी न्यूज़, बलौदाबाजार-भाटापारा : कलेक्टर के. एल. चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार पर समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में कलेक्टर ने जिले के समस्त अशासकीय स्कूलों में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अन्तर्गत निर्धारित पात्रता अनुसार बच्चो के प्रवेश एवं ड्रॉप आउट बच्चों की जानकारी संकलित करने पर विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अन्तर्गत प्रवेश दिए गए बच्चों को सामान्य बच्चों की तरह शिक्षा प्रदान करने पर जोर देते हुए इन बच्चों पर किसी प्रकार की भेदभाव नहीं करने कहा।
कलेक्टर श्री चौहान ने कहा कि आरटीई के तहत प्रवेशित बच्चे भले ही आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं लेकिन उनमें प्रतिभा की कमी नहीं होती। जो बच्चे किसी कारणवश औसत स्तर पर पहुंच जाते है उन्हें प्रतोत्साहित करते हुए उपचारत्मक शिक्षा दें। बच्चों में किसी प्रकार की हीन भावना न आने दें। उन्होंने कहा कि सभी अशासकीय स्कूलों में आरटीई का व्यापक प्रचार प्रसार के लिए फ्लेक्स या दीवार लेखन कराएं जिसमें आरटीई के तहत प्रवेश देने एवं उपलब्ध सीटों की संख्या का भी उल्लेख हो। कलेक्टर ने आरटीई के तहत प्रवेशित बच्चों के ड्राप आउट की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए बच्चों की संख्या तथा ड्राप आउट के कारणों की जानकारी के लिए सभी अशासकीय स्कूलों में प्राचार्य या शिक्षक को साप्ताहिक समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस समीक्षा से हर सप्ताह पता चल जाएगा कि कौन विद्यार्थी अनुपस्थित रह रहा है। उस बच्चे के अनुपस्थिति के कारण का पता लगाकर उचित निराकरण किया जाए।
बताया गया कि जिले में लगभग 210 अशासकीय स्कूल संचालित है जिनमे आरटीई के तहत प्रवेश के लिए लगभग 1952 सीटें आरक्षित हैं। इस वर्ष इन स्कूलों में आरटीई के तहत प्रवेश के लिए 5हजार 589 आवेदन प्राप्त हुए है जिनमे से 4006 आवेदन पात्र पाए गए है। पात्र आवेदनों में से बच्चों का प्रवेश लॉटरी पद्धति से होगा। प्रवेश के लिए लॉटरी की प्रक्रिया जारी है।
बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी हिमांशु भारतीय सहित विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी एवं अशासकीय स्कूलों के प्राचार्य उपस्थित थे।