नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में विधि से संघर्षरत बालक सहित कुल दो आरोपी गिरफ्तार, कड़ी वैधानिक कार्यवाही कर विधि से संघर्षरत बालक को बाल संप्रेक्षण गृह एवं आरोपी को भेजा गया न्यायिक अभिरक्षा में.

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समदर्शी न्यूज़ – अंबिकापुर : सरगुजा पुलिस द्वारा जारी अभियान ‘ऑपरेशन विश्वास’ के अंतर्गत नाबालिग सम्बन्धी अपराधों में संलिप्त आरोपियों की लगातार धरपकड़ की जा रही हैं। इसी संदर्भ में / मामले का विवरण इस प्रकार हैं कि प्रार्थी द्वारा दिनांक 28 मई 2024 को थाना लुन्ड्रा आकर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि घटना दिनांक 27 मई 2024 को प्रार्थी की भतीजी अपने चाचा के साथ साप्ताहिक बाजार गई थी। भीड़-भाड़ होने से नाबालिग पिड़िता बाजार के पास रुक गई थी और पिड़िता का चाचा वापस घर आ गया था। बाद में गणेश नामक युवक और अन्य एक विधि से संघर्षरत बालक पिड़िता को घर छोड़ने की बात बोलकर अपने दोपहिया वाहन में बैठा कर अपने घर ले गए और विधि से संघर्षरत बालक अपने घर चला गया। बाद में आरोपी गणेश पिड़िता के साथ जबरन दुष्कर्म की घटना कारित किया और बाद में पिड़िता को पुनः बाजार के पास ले जाकर छोड़ दिया। बाद में गणेश और विधि से संघर्षरत बालक वापस बाजार आकर पिड़िता को अपने साथ दोपहिया वाहन में बैठाकर ले जाकर उसके घर छोड़ दिये। मामले में प्रार्थी की रिपोर्ट पर थाना लुन्ड्रा में अपराध क्रमांक 144/24 धारा 363, 376 (क) (ख), 34 भादवि एवं पोक्सो एक्ट की धारा 4, 6 का अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया।

विवेचना के दौरान पुलिस टीम द्वारा मामले में शामिल आरोपी गणेश घासी एवं विधि से संघर्षरत बालक का पता तलाश किया जा रहा था, पुलिस टीम के सतत प्रयास से मामले के आरोपी गणेश घासी एवं विधि से संघर्षरत बालक की घेराबंदी कर पकड़ कर पूछताछ किया गया। आरोपी द्वारा अपना नाम गणेश घासी उम्र 22 वर्ष साकिन लुन्ड्रा का होना बताया गया, विधि से संघर्षरत बालक एवं आरोपी से घटना के सम्बन्ध में पूछताछ किये जाने पर घटना कारित किया जाना स्वीकार किया गया। आरोपियों के कब्जे से घटना में प्रयुक्त दोपहिया वाहन बरामद किया गया हैं। विधि से संघर्षरत बालक एवं आरोपी के विरुद्ध अपराध सबूत पाये जाने से गिरफ्तार कर विधि से संघर्षरत बालक को बाल संप्रेक्षण गृह एवं आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया हैं। इस प्रकरण की सम्पूर्ण कार्यवाही मे थाना प्रभारी लुन्ड्रा उपनिरीक्षक सम्पत पोटाई, आरक्षक हेमंत लकड़ा, आरक्षक वीरेंद्र खलखो, आरक्षक शिव खलखो, आरक्षक दीपक पाण्डेय सम्मिलित रहे।

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