भाजपा की सरकार में स्वास्थ्य सेवा बदहाल, मरीज़ जांच, इलाज़ और दवा के लिए दर-दर भटकने मजबूर, पांच महीनों में ही व्यवस्था चरमरायी, सरकारी अस्पतलों में गंदगी, कीड़े-मकोड़ों, चुहे और काकरोच बिलबिला रहे हैं – सुरेंद्र वर्मा

भाजपा की सरकार में स्वास्थ्य सेवा बदहाल, मरीज़ जांच, इलाज़ और दवा के लिए दर-दर भटकने मजबूर, पांच महीनों में ही व्यवस्था चरमरायी, सरकारी अस्पतलों में गंदगी, कीड़े-मकोड़ों, चुहे और काकरोच बिलबिला रहे हैं – सुरेंद्र वर्मा

May 30, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़, रायपुर : छत्तीसगढ़ में बदहाल होती स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि विष्णुदेव साय सरकार का पूरा फोकस केवल अवैध वसूली, भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी में ही है। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मामले में साय सरकार पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में टीवी तक की दवा उपलब्ध नहीं है। टीवी के मरीजों को जो पोषक आहार के लिए 500 रूपए प्रतिमाह की सहायता राशि दी जाती थी, साय सरकार आने के बाद से दुर्भावना पूर्वक वह राशि बंद कर दी गई है। सरकारी अस्पतालों में होने वाले तमाम तरह के जांच और दवाओं का संकट बताकर मरीजों को बिना इलाज़ के लोटाया जा रहा है। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के द्वारा राज्य में गरीब और आम जनता के चिकित्सा सहायता के महत्वपूर्ण योजनाओं को बंद करके आखिर किस बात का बदला ले रहे हैं भाजपाई?

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि चिकित्सा सेवा को लेकर साय सरकार की कोई ठोस नीति नहीं है और न ही उनकी नियत है। विगत पांच महीनों में स्वास्थ्य सेवा की बदहाली का आलम यह है कि स्वास्थ्य मंत्री के क्षेत्र में ही सरकारी अस्पतालों में गंदगी, कीड़े मकोड़े और कॉकरोचों का कब्जा है। सत्ता के अहंकार में भारतीय जनता पार्टी के नेता मरीज को नारकिय जीवन जीने मजबूर कर रहे हैं। पिछले पांच महीना के दौरान जहां ज्यादातर सरकारी अस्पताल में जांच और वैक्सीन का अभाव बताया जा रहा है वही प्रशासनिक उपेक्षा के चलते 300 करोड़ से अधिक के टेस्ट कीट और वैक्सिन बिना उपयोग किए ही एक्सपायर होकर बर्बाद हो गए।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य का इंफ्रास्ट्रक्चर 2018 की तुलना में ढाई गुना बेहतर विकसित किया था। सभी जिला अस्पतालों को मल्टी स्पेशलिटी हास्पिटल के तौर पर विकसित किया था। ब्लॉक के अस्पतालों में भर्ती की सुविधाएं विकसित की थी। अधिकांश जिला अस्पताल में डायलिसिस और क्रिटिकल केयर यूनिट शुरू किए गए थे। 25 लाख तक की मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना छत्तीसगढ़ में संचालित थी। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ में 4000 से अधिक नियमित पदों पर डॉक्टर, नर्स, तकनीशियन और सहायक कर्मचारी की भर्तियां की। मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य सहायता योजना, हाट बाजार क्लिनिक, मोहल्ला क्लीनिक, दाई दीदी क्लिनिक, हमर अस्पताल और हमर लैब स्थापित किया था लेकीन अब सरकार बदलते ही विगत 5 महीनों के भीतर छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधा बदहाल हो चुका है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि साय सरकार आने के बाद से छत्तीसगढ़ के निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से इलाज अघोषित तौर पर बंद कर दिया गया है। लंबित भुगतान रोके जाने के चलते कई छोटे निजी अस्पताल बंद होने के कगार पर है। भुगतान नहीं होने से आयुष्मान कार्डधारी मरीजों को तरह-तरह के बहाने बनाकर बिना इलाज के लौटाए जा रहे हैं। एक तरफ सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्था जांच, इलाज और दवा का संकट, दूसरी तरफ निजी अस्पतालों के द्वारा आयुष्मान कार्ड से इलाज में बहानेबाजी। आखिर गरीब और आम जनता जाए तो जाए कहां? डबल इंजन की सरकार में छत्तीसगढ़ के मरीज बेमौत मरने मजबूर हैं।